फफूंद । ईदुल अजहा (बकराईद) का पर्व आगामी 10 जुलाई रविवार को मनाया जाएगा । यह पर्व लगातार तीन दिन मनाया जाता है जिसमें तीनों दिन कुर्बानी का सिलसिला जारी रहता है। शुक्रवार को शहर काजी औरैया व जामिया समदिया फफूंद के प्रबंधक सैय्यद गुलाम अब्दुस्समद चिश्ती ने प्रेस वार्ता में कहा कि कुर्बानी अल्लाह की अज़ीम इबादत है और मजहब इस्लाम की निशानियों में से एक है। कुर्बानी तीन दिन 10, 11, 12 जिलहिज्जा में साहिबे निसाब पर वाजिब है। जिन लोगों पर कुर्बानी वाजिब है वह कुर्बानी जरूर करें। नबी ए करीम सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया कि जो मालके निसाब होने के बावजूद कुर्बानी न करें वह मेरी ईदगाह के करीब न आए । अइयाम ए कुर्बानी में परवरदिगार को कुर्बानी से बढ़कर कोई नेकी महबूब नहीं।शुक्रवार को शहर काजी गुलाम अब्दुस्समद चिश्ती ने कहा कि सरकार द्वारा जिन जानवरों पर कुर्बानी प्रतिबंधित है उन जानवरों की कुर्बानी हरगिज न करें ।
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कुर्बानी करते वक़्त साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें कुर्बानी के बाद जानवरों से निकले कचरे को दफन कर दें तथा कुर्बानी की वीडियो ग्राफी व फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर न डालें। सार्वजनिक स्थानों खुले में कुर्बानी न करें । उन्होंने कहा कि जो लोग कुर्बानी करें वह अपने आसपास के मदरसों या अपने महबूब इदारे जामिया समदिया का खास ख्याल रखते हुए बड़े जानवर की कुर्बानी करवाने वाले लोग हर जानवर के बदले सात सौ रुपये और छोटे जानवर की कुर्बानी कराने वाले लोग दो सौ रुपये मदरसे पहुंचा कर मदरसा की मदद करें और सबाब हासिल करें। उन्होंने कहा कि ईदगाह जमालशाह औरैया में ईद उल अजहा(बकरीद) की नमाज सुबह ठीक साढ़े सात बजे होगी वहीं फफूंद ईदगाह में सात बजे और अस्ताना आलिया समदिया में आठ बजे नमाज़ अदा होगी । उन्होंने सभी लोगों से समय का खास ख्याल रखने के लिए कहा वहीं नमाज के बाद देश में अमनो अमान के लिए दुआ करें।