अयोध्या। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन पर सवाल खड़े करते हुए तीनों अनी अखाड़ों का स्थायी प्रतिनिधित्व होने की मांग को जोर-शोर से उठाया है।
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पुरी ने शनिवार काे अयोध्या प्रवास के दौरान संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर राम मंदिर के लिये जो ट्रस्ट बनाया गया है उसमें कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनका राम मंदिर आंदोलन से कभी कोई सरोकार नहीं रहा। इसलिए ट्रस्ट में तीनों अनी अखाड़ों का भी स्थायी प्रतिनिधित्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिये अखाड़ा परिषद जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करेगा।
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मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर चल रहे विवाद के सावाल पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा, “हमें आशा है कि जिस तरह राम मंदिर के मामले में संवैधानिक तरीके से निर्णय हुआ है उसी तरह मथुरा मामले में भी हमारे हक में ही फैसला आयेगा।” उन्होंने कहा कि इसके बाद अयोध्या व काशी की तरह मथुरा में भी जल्द ही इसी तरह का भव्य आयोजन होगा। पुरी ने कहा कि जब भी देश में विषम परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं तो सभी अखाड़ों के साधु संतों ने अपने शास्त्रों के द्वारा पहले समझाने का प्रयास किया फिर जरूरत पड़ी तो शस्त्र उठाने में भी वे पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि अखाड़े के सन्यासी समाजसेवा में अपना काम करते हैं लेकिन कोई विषम स्थिति आती है तो भगवान शिव के चरणों में वो अपने प्राण न्यौछावर करने में कोई संकोच नहीं करेंगे।
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उन्होंने कहा कि भव्य राम मंदिर का जो निर्माण आज हो रहा है, इसके लिये भी हमारे पूर्वजों ने 450 साल तक संघर्ष कर बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का भव्य मंदिर जिस दिन बनकर तैयार हो जायेगा उस दिन देश ही नहीं दुनिया के लोग यहां आ करके दर्शन-पूजन करेंगे।
अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की हाल ही में हुयी मौत को उन्होेंने दुखद बताते हुए कहा कि उनका निधन संत समाज के लिये अपूर्णीय क्षति है। महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल कर दी है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि न्यायालय से साधु समाज को न्याय मिलेगा और उनकी मौत के रहस्य से पर्दा जल्द ही उठ जायेगा। यही साधु समाज की मांग है।