- कब्रिस्तान की भूमि पर बाहर से कब्जा करने आ रहे लोगों की सूचना पर कई थानों के पुलिस बल रहा मौजूद
- न्यायालय में विचाराधीन रहते किया गया कब्रिस्तान की भूमि का बेनामा
- पहले भी तीन बार हो चुका है विवादित कब्रिस्तान की भूमि का बैनामा
फफूंद। नगर के चमनगंज तिराहा के समीप फफूंद दिबियापुर मैन रोड स्थित बेशकीमती कब्रिस्तान की भूमि का न्यायालय में मामला विचाराधीन रहते हुए बेनामा कर दिया गया जबकि इसी भूमि का पूर्व में भी तीन बार अलग अलग व्यक्तियों के नाम बेनामा किया जा चुका है पिछले माह जिस व्यक्ति को बेनामा किया गया था वह इस विवादित भूमि पर कब्जे की नीयत से आया था लेकिन सफलता न लगने के कारण वह दोबारा गुरुवार को आने की कह कर चला गया था किसी अप्रिय घटना हो जाने के अंदेशा को लेकर जिला प्रशासन ने विवादित ज़मीन पर भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया था।
पूर्व कालिक प्रथा के अनुसार कब्रिस्तानों पर कब्र खोदने व कब्रिस्तान की भूमि की देखभाल करने के लिए मुस्लिम समुदाय में एक खास जाति विशेष के लोगों को रखने की परंपरा चली आ रही है।
यह भी देखें : 93.9 प्रतिशत घरों में हो रहा आयोडीन युक्त नमक का उपयोग
नगर के चमनगंज तिराहा स्थित दिवियापुर रोड पर बेशकीमती कब्रिस्तान की भूमि जिसका पूर्व नम्बर संख्या 1129 था ये नॉन जेड ए और असिंचित भूमि हुआ करती थी उस समय इस कब्रिस्तान की भूमि पर नगर निवासी फैयूम शाह पुत्र टिल्लू शाह,नज़ीर शाह पुत्र दीन अली,जुम्मन शाह पुत्र बाकर अली उरफ कर्म अली शाह को कब्र खोदने व कब्रिस्तान की भूमि की देखभाल के लिए रखा गया था जिन्होंने इस कब्रिस्तान की भूमि पर रहते हुए 4 नवम्बर 1967 को नगर के मोहल्ला ताहरपुर निवासी बाबू सिंह पुत्र बिहारी सिंह को प्लाट रूपी बेनामा कर दिया था वहीं 18 सितम्बर 1967 को अम्बिका प्रसाद,चन्द्रका प्रसाद पुत्रगण सती प्रसाद को भी प्लाट रूपी बेनामा कर दिया था।जबकि वर्ष 1994 में सत्य नारायण पुत्र लाला राम सेवक को 22 डे०मि०का बेनामा कर दिया जब इस बेनामा हुई ज़मीन पर उक्त व्यकि कब्जे करने आये तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रशासन की मदद से कब्रिस्तान की इस जमीन पर कब्जा नहीं करने दिया।
यह भी देखें : 33 वी प्रान्तीय खेलकूद प्रतियोगिता में सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज दिबियापुर के छात्रों ने लहराया परचम
जिसके बाद मामला न्यायालय में चला और कब्रिस्तान कमेटी की पैरवी के चलते अदम पैरवी में न्यायालय द्वारा मुकदमे खारिज कर दिए गए और कब्रिस्तान की भूमि पर किसी का अवैध कब्जा नही हो सका। पूर्व में कब्रिस्तान की देखभाल करने वाले उक्त लोगों के वारिसीनों चुनने शाह पुत्र घसीर शाह,साबिर अली,नाजिम अली,शमशाद अली,शाहिद अली,अनीसा बेगम,वाजिद अली,साजिद अली माजिदा अली,रहीसा, अनीस, नदीम, जमील, वसीम, बशीर तथा सईद ने बीती 16 सितम्बर 2022 को तकिया अकबरपुर कानपुर देहात निवासी रामजीवन पुत्र महादेव,रमेश चन्द्र पुत्र गंगा राम को बेनामा कर दिया जो कि इस कब्रिस्तान की भूमि का यह चौथा बेनामा है।अब इस भूमि का 906 गाटा संख्या है जिसमे एक तालाब भी दर्ज है जबकि बगल में गाटा संख्या 907 है इस भूमि पर भी कब्रिस्तान बने हैं और गाटा संख्या 906 में भी कब्रिस्तान बने हैं।
यह भी देखें : ट्रैक्टर से हो रहे नुक्सान का विरोध करने पर अधेड़ को पीटा
कब्रिस्तान की गाटा संख्या 906 पर जिसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है पर गुरुवार को हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत मयंक दास, हिंदुत्व समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र मिश्रा अपने लगभग आधा सैकड़ा समर्थकों के साथ जिनमे कुछ महिलाएं भी थी कब्रिस्तान की इस विवादित भूमि पर कब्जा करने की नियत से आये जिनके आने की सूचना पूर्व से ही जिला प्रशासन के अधिकारियों को थी जिन्होंने मामले की गम्भीरता को समझते हुए कस्बे के माहौल न बिगड़ने पाए इसके लिए कब्रिस्तान की भूमि के आसपास पहले से ही कई थानों के भारी पुलिस बल तैनात कर दिया था और नगर के लोगों में कब्जे को लेकर आक्रोश पनपने लगा था कि बाहर के लोग कब्रिस्तान पर कब्जा करने आरहे हैं और राहगीरों में भारी पुलिस बल को देखने से अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। वहीं गुरुवार दोपहर को महंत मयंक दास व हिंदुत्व समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र मिश्रा के अपने आधा सैकड़ा समर्थकों के साथ पहुंचने पर एसडीएम सदर मनोज सिंह ने बताया कि न्यायालय में मामला विचाराधीन है निर्णय आने से पहले कोई कब्जा नहीं हो सकता।