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बीमारियों से ही नहीं बल्कि कुपोषण से भी बचाती है हाथ धोने की आदत

बीमारियों से ही नहीं बल्कि कुपोषण से भी बचाती है हाथ धोने की आदत

बीमारियों से ही नहीं बल्कि कुपोषण से भी बचाती है हाथ धोने की आदत

औरैया। शौच के बाद और भोजन के पहले हाथों को सही ढंग से साफ करके कई बीमारियों से बचा जा सकता है। बच्चों का बार-बार बीमार होना उन्हें शारीरिक रूप से कमजोर कर देता है। बीमार बच्चे या तो भोजन करना छोड़ देते हैं या कम मात्रा में आहार ग्रहण करते हैं। जिसकी वजह से उनके शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती है और वे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। बच्चे जब बीमार कम होंगे और पौष्टिक आहार लेंगे, तभी कुपोषण की जंग जीती जा सकती है। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्साधिकारी और आरसीएच नोडल डॉ शिशिर पुरी का।

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डॉ पुरी ने बताया की ग्लोबल हैंड वाशिंग डे पर जागरूकता के लिए शनिवार को जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी , सभी स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों पर जागरुकता के कार्यक्रम हुए। इस दौरान चिकित्सक और स्टाफ ने जहां स्वच्छता को बढ़ावा देने की शपथ ली। वहीं मरीजों के साथ आए तीमारदारों को हैंड वाशिंग का तरीका समझाया गया। 50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय के हॉस्पिटल क़्वालिटी मैनेजर डॉ सुभाष ने बताया की शनिवार को जिला अस्पताल में विश्व हैंड वॉश डे पर मरीजों और तीमारदारों को हाथों को सुमन के फार्मूले को अपनाकर धोने का डैमो करके दिखाया गया।

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सुमन-के फार्मूले के अनुसार पहले हाथों को सीधा करके धोना होता है और फिर उल्टा, उसके बाद मुट्ठी बांधकर हथेली में रगड़नी होती है। एक हाथ से दूसरे हाथ के अंगूठे को पकड़कर अच्छी तरह से साफ किया जाता है, उसके बाद नाखून की सफाई और आखिरी में कलाई को धोया जाता है। 50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पंकज कुमार का कहना है की बच्चों के दैनिक आहार में पोषक तत्वों को शामिल कर कुपोषण की जंग तो जीती जा सकती है, परंतु हाथों की सफाई के बिना बीमारियों से नहीं बचा जा सकता है। परंपरागत तरीके से साफ किए गए हाथों की गंदगी पूरी तरह साफ नहीं होती है। इन हाथों से नवजात शिशुओं को छूने अथवा छह माह की आयु पूरी कर चुके बच्चों को भोजन कराने से उनमें संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है। जबकि हाथ धोने के तरीकों को अपना कर हम इन्हें स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।

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इन स्थितियों में हाथों की स्वच्छता का रखें खास ख्याल :
– खाना बनाने और खाना खाने से पहले
– शौच के बाद
– नवजात शिशु को हाथ लगाने से पहले
– खांसने या छींकने के बाद
– बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद
– कूड़ा-कचरा निपटान के बाद

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