- कोरोना संक्रमण के चलते करोड़ी मेला निरस्त
- मेले में एक करोड़ से अधिक तीर्थयात्री पतित पावनी मानसी गंगा में स्नान कर गिरि गोवर्धन की करते हैं परिक्रमा
मथुरा । कोरोना संक्रमण एवं प्रतिबंधों के कारण गोवर्धन में 20 जुलाई से लगने वाला पांच दिवसीय मुड़िया पूनो मेला जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया है।इस मेले में एक करोड़ से अधिक तीर्थयात्री पतित पावनी मानसी गंगा में स्नान कर गिरि गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा करते हैं।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मेले के निरस्त करने के पहले अपर जिलाधिकारी प्रशासन एस के त्रिपाठी के नेतृत्त्व में एक समिति बनाई गई थी। समिति के सदस्यों में गोवर्धन के चिकित्सा अधीक्षक, एसडीएम , सीओ को शामिल थे। समिति ने दानघाटी मन्दिर, मुखारबिन्द मन्दिर जतीपुरा, मुकुट मुखारबिन्द मन्दिर मानसी गंगा के सेवायतों , गोवर्धन के धर्माचार्यो, संतो , महन्तो एवं प्रबु़द्ध नागरिकों की राय ली थी तथा सभी ने एक स्वर से मेले को निरस्त करने की सलाह दी थी।
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उनका कहना था कि बाजार, मन्दिर ,मॉल आदि कोरोना गाइडलाइन के तहत ही खोले गए हैं। गाइडलाइन के अनुुसार एक स्थान पर 50 से अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर पाबन्दी है। ऐसे में लाखों लोगों को नियत्रित करना और उनसे कोरोना महामारी की गाइडलाइन का पालन कराना मुश्किल हो सकता था। इसे देखते हुए जनहित में मेले को निरस्त कर दिया गया है।
20 जुलाई से 25 जुलाई तक लगने वाला था मेला
गौरतलब है कि इस मेले को लक्खी मेला भी कहा जाता है,लेकिन यात्रियों की संख्या बढ़ने से इसे करोड़ी मेला भी कहा जाने लगा है। यह मेला 20 जुलाई से 25 जुलाई तक लगने वाला था। इस मेले में एक करोड़ से अधिक तीर्थयात्री पतित पावनी मानसी गंगा में स्नान कर गिरि गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा करते हैं। पिछले कुछ वर्षों से मेले को राजकीय दर्जा भी दे दिया गया है। इस मेले में वैसे तो देश के विभिन्न भागों से लोग आते हैं पर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होती है।
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