एक मां के नाम पेड़ का पौधा भी लगाया
औरैया। जनसंघ संस्थापक एवं भाजपा के प्रेरणापुंज अमर शहीद डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने 23 जून को अपना बलिदान देकर कश्मीर को भारत के अभिन्न अंग के रूप में अंगीकृत कराने का महती कार्य किया था। इसी के तहत प्रदेश नेतृत्व के आहवान पर जिले के सभी मंडलों के बूथों पर भाजपाइयों ने बलिदान दिवस के रूप में व एक मां के नाम पर एक वृक्ष भी लगाया। भाजपा जिलाध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता ने बूथ न 216 तुर्कीपुर भाजपा जिला कार्यालय में जनसंघ संस्थापक एवं भाजपा के प्रेरणापुंज अमर शहीद डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के चित्र पर मालार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर बलिदान दिवस मनाया। इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष एवं अजीतमल ब्लाक प्रमुख रजनीश पांडेय,दिबियापुर मंडल अध्यक्ष जगमोहन सिंह चौहान , नमामि गंगे के जिला संयोजक सोनू सोनी,कार्तिक गुप्ता,आदि उपस्थित रहे।
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उधर दिबियापुर नगर के औरैया रोड स्थित उप्र सरकार के पूर्व कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत के कैंप कार्यालय बूथ संख्या – 109 पर भाजपाइयों ने जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया तथा एक मां के नाम वृक्ष भी लगाया। गोष्ठी का शुभारंभ उप्र सरकार के पूर्व कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत ने अन्य भाजपाइयों के साथ डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ भाजपा नेता भगवती प्रसाद द्विवेदी ने की। गोष्ठी में उपस्थित भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक एवं उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार अग्निहोत्री प्रधानाचार्य ने अपने संबोधन में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह महान शिक्षाविद और समाज सुधारक थे।
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उनके दिल और दिमाग में सदैव राष्टप्रेम और विकसित राष्ट्र की भावना विद्यमान रहती थी। इसलिए उन्होंने कहा था कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं रह सकते। अपने व्यक्तित्व और ओजस्वी वक्ता के कारण ही उनको पहले ही नेहरू मंत्रिमंडल गठन में कॉमर्स और इंडस्ट्रियल मिनिस्टर के पद से नवाजा गया था। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लाखन सिंह राजपूत पूर्व कृषि राज्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल कीं थीं। जिसकी वजह से उन्होनें दुनियां के सबसे कम उम्र 33 वर्ष की आयु में कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति जैसे महत्वपूर्ण पद को भी सुशोभित करने में सफलता पाई थी। इसके साथ ही अपनी लोकप्रियता के कारण बंगाल में उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रुप में विधानसभा का चुनाव जीतकर नेता प्रतिपक्ष बनने का भी गौरव प्राप्त किया था।
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इसके साथ ही उन्होंने सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान की याद दिलाते हुए कहा कि नेहरू सरकार के कुछ जनविरोधी कानूनों के कारण उनको मंत्रिमंडल से इस्तीफा भी देना पड़ा था। काश्मीर में धारा 370 का उन्होंने पुरजोर विरोध भी किया था और जन आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने को काश्मीर मार्च किया था जिससे वहां की तत्कालीन सरकार ने उनको गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। वहीं तीन महीने के कारावास के दौरान उनकी रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। बलिदान दिवस की गोष्ठी मे किसान मोर्चा के क्षेत्रीय मंत्री अवधेश शुक्ला, भाजला जिलाउपाध्याक्ष प्रेम कुमार गुप्ता,एवं राजेन्द्र पोरवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी में जयराम राजपूत, पूरन सिंह राजपूत, श्याम सिंह कुशवाहा, महेश चंद्र कुशवाहा, मलखान सिंह कुशवाहा, अमर सिंह राजपूत, डॉक्टर मुकेश सिंह, प्रमोद कुमार दिवाकर, दिव्या दिवाकर के अलावा बड़ी संख्या में भाजपाई मौजूद रहे। वहीं सभी मंडलों के बूथों कर भाजपाइयों ने बलिदान दिवस मनाया।