फर्जी चयन सूची की कूट रचना का आरोप
साढ़े 10 लाख रुपए सचिवालय में नौकरी के नाम पर वसूले
औरैया: जिले के सत्र न्यायाधीश डा. दीपक स्वरुप सक्सेना ने थाना दिबियापुर क्षेत्र में वादी मुकदमा के पुत्र की उत्तर प्रदेश सचिवालय लखनऊ में कंप्यूटर के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी कर 10 लाख 50 हजार रुपए वसूलने के आरोपी फजलगंज कानपुर निवासी सहदेव नारायण की जमानत याचिका निरस्त कर दी। जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने बताया कि दिबियापुर निवासी वादी ने थाने में रिपोर्ट लिखाई कि वह वर्तमान में सिक लाइन में कार्यरत है और कस्बा दिबियापुर में स्वयं के मकान में रहता है। उसके साथ ही सहदेव नरायन विंद भी वरिष्ठ टैक्नीशियन विगत 15 वर्षों से साथ-साथ डयुटी करते आ रहे हैं। सहदेव नारायन विद ने वादी को आश्वासन दिया कि उसके लड़के शैलेंद्र की नौकरी सचिवालय लखनऊ में कंप्यूटर आपरेटर के पद पर लगवा देंगे। नौकरी के लालच में वादी ने 10:30 लाख रुपए आरोपी सहदेव नारायण को दिए।
आरोप है कि सहदेव नारायण ने छल करने के आशय से फर्जी चयन सूची की कूट रचना की। वादी चंद्रशेखर राजपूत निवासी रामकृष्ण नगर दिबियापुर के अनुसार उसके पुत्र को कोई नौकरी नहीं मिली तथा आरोपी से जब रुपये वापस मांगे, तो उसने मना कर दिया व जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने दो मार्च को उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा। बुधवार को सहदेव नारायण विंद की जमानत याचिका सत्र न्यायालय में प्रस्तुत हुई। अभियोजन की ओर से डीजीसी अभिषेक मिश्रा ने जमानत का विरोध अपराध को गंभीर प्रवृत्ति का बताते हुए किया। बचाव पक्ष ने अपने को निर्दोष बताया। दोनों को सुनने के बाद जिलाजज डा. दीपक स्वरुप सक्सेना ने आरोपी सहदेव की जमानत याचिका निरस्त कर दी।
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दुष्कर्म व गोकशी के आरोपी की जमानत निरस्त
जिले के थाना अछल्दा थाना क्षेत्र के सामूहिक बलात्कार के आरोपी ग्राम अड्डा तेहराजपुर संतोष व रविंद्र का जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय ने निरस्त कर दिया। पीडि़ता ने बताया कि पांच फरवरी 2020 की शाम साढ़े छह बजे वह दवा लेने मोहम्मदाबाद गई थी। जब वह वापस आ रही थी, तभी आरोपियों ने जबरन खेत में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। 21 मार्च 2020 से जेल में निरुद्ध आरोपी संतोष व रविंद्र की जमानत याचिका पर बुधवार को जिलाजज के न्यायलय में सुनवाई हुई। डा.दीपक स्वरुप सक्सेना ने जमानत याचिका खारिज कर दी। उक्त न्यायालय ने थाना अजीतमल क्षेत्र के ग्राम चपटा भूरा एवं निहाल को गोकशी के मामले में जमानत याचिका निरस्त कर दी। कोतवाली औरैया के दुष्कर्म मामले के आरोपी पति रोहित दुबे की भी जमानत याचिका निरस्त की गई।