चीन और भारत के बीच बातचीत जारी
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद जारी है। भारतीय वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने शनिवार को कहा कि एक साल पहले जब ये हुआ था हमने तैनाती की थी। उसके बाद एक साल में हमारी ताकत को कम करने का तो सवाल ही पैदा नहीं है। इस एक साल में हमने भी कदम उठाए हैं और काम किया है। हमारी क्षमता जो एक साल पहले थी आज उससे कहीं ज्यादा है।
भदौरिया ने कहा कि इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड पर चर्चा चल रही है। क्षमता बढ़ाने के लिहाज से राफेल और LCA के बाद हमने 2-3 बड़े कदम उठाए हैं उसमें AMCA का सबसे बड़ा है। 5 वीं पीढ़ी का एयरक्राफ्ट जो देश में बनेगा उसका निर्णय ले लिया गया है। इसे DRDO करेगा। उन्होंने कहा कि तेजी से बदल रही सुरक्षा चुनौतियों और पड़ोस एवं अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के मद्देनजर भारतीय वायुसेना (आईएएफ) प्रौद्योगिकियों को तेजी से शामिल करके परिवर्तन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है।
भदौरिया ने यहां वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वायुसेना परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है। हमारे अभियानों के हर पहलू में प्रौद्योगिकियों और लड़ाकू शक्ति का जितनी तेजी से समावेश अब हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मुख्य रूप से हमारे पड़ोस और अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के अलावा हमारे सामने मौजूद अभूतपूर्व और तेजी से बदल रहीं सुरक्षा चुनौतियों के कारण है।’’
भदौरिया ने कहा कि पिछले कुछ दशकों ने हर संघर्ष में जीत हासिल करने में वायु शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका स्पष्ट रूप से स्थापित की है और इसी के मद्देनजनर भारतीय वायुसेना की क्षमता में जारी वृद्धि काफी महत्व रखती है। इससे पहले, वायुसेना प्रमुख ने परेड की समीक्षा की। उन्होंने कोविड-19 महामारी के खिलाफ राष्ट्रीय लड़ाई में वायुसेना की महत्वपूर्ण भूमिका का भी जिक्र किया।
भदौरिया ने कहा कि 2022 तक वायुसेना में 36 राफेल विमान शामिल कर लिये जायेंगे। फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान प्राप्त करने की समयसीमा के बारे में एक संवाददाता द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राफेल को शामिल करने की योजना पर वायु सेना का लक्ष्य निश्चित है।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य 2022 है। यह एकदम निश्चित है। मैंने पहले भी इसका उल्लेख किया था। एक या दो विमानों को छोड़कर, कोविड संबंधी कारणों से थोड़ी देर हो सकती है, लेकिन कुछ विमान समय से पहले आ रहे हैं।” उन्होंने कहा, “इसलिए हम राफेल को शामिल करने की योजना पर हमारा लक्ष्य एकदम तय है। संचालन की योजना पर जैसा कि आप जानते हैं, हम पूरी तरह तैयार हैं, इसलिए समय के संदर्भ में हम एकदम समय पर काम पूरा करेंगे।”
वर्ष 2016 में भारत ने फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके अनुसार, 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदे जाने थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फरवरी में कहा था कि अप्रैल 2022 तक देश में लड़ाकू विमानों की पूरी खेप मौजूद होगी। पूर्वी लद्दाख की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीन और भारत के बीच बातचीत जारी है और पहला कदम यह है कि समझौता कर आगे बढ़ा जाए और संघर्ष के बिंदुओं पर पीछे हटने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाए।