इस तकनीक में विश्व का चौथा देश बना भारत
नई दिल्ली: रक्षा क्षेत्र में भारत को अहम कामयाबी मिली है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने आज स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम के जरिए हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई देते हुए कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘डीआरडीओ ने आज स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
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इस सफलता के साथ, ही अब अगले चरण की प्रगति शुरू हो गई है। रक्षामंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैं डीआरडीओ को इस कामयाबी के लिए शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाया। मैंने परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें इस महान उपलब्धि पर बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है।’
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बता दें कि इससे पहले जून 2019 में इसका पहला परीक्षण किया गया था। इसका इस्तेमाल हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने और काफी कम खर्चे में सैटेलाइट लॉन्चिंग में की जाएगी। भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया है, जिनके पास यह तकनीकी है। अमेरिका, रूस, और चीन के बाद भारत इस तकनीक को विकसित करने वाला चौथा देश है।