- 5 जुलाई की सुबह औरैया में लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर अमित दुबे की कार लावारिस मिली थी
- 2 दिन पहले मथुरा में संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क किनारे बंधापड़ा मिला था प्रॉपर्टी डीलर
- खुद ही से सिरंज से अपना खून निकाल कर कार और कपड़ों पर छिड़का था ताकि कहानी में दम लगे, मथुरा में अमित के मिलने पर औरैया पहुंचे कर्ज देने वालों ने खोली पोल
- पुलिस ने की सख्ती तो पूरी कहानी निकली फिल्मी
औरैया: मूल रूप से कानपुर देहात के रहने वाले और फिलहाल लखनऊ में रहकर प्रॉपर्टी डीलर का कारोबार करने वाले अमित दुबे ने लोगों का 80 लाख से अधिक का कर्जा न चुकाना पड़े इसके लिए खुद ही अपने अपहरण की कहानी गढ़ी थी। 2 दिन पहले मथुरा में सड़क किनारे संदिग्ध परिस्थितियों में बंद ही पड़े मिले अमित दुबे को औरैया लाकर पुलिस ने पूछताछ की तो उसकी पूरी कहानी फिल्मी निकली। अमित ने प्लानिंग के मुताबिक 5 जुलाई की सुबह औरैया शहर में दिव्या पुर रोड पर अपनी कार चाबी लगी हुई छोड़ दी थी । यही नहीं कहानी को दमदार बनाने के लिए उसने सिरंज से अपनी नसों से खून निकाला और गाड़ी के अंदर सीट, स्टेरिंग, सीसा और अपनी शर्ट से फाड़े गए कपड़े पर छिड़क दिया था।
औरैया पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए अमित दुबे को जेल भेज दिया। पुलिस अधीक्षक सुनीति के निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित के पर्यवेक्षण तथा क्षेत्राधिकारी सदर सुरेन्द्रनाथ के नेतृत्व में थाना कोतवाली औरैया पुलिस ने कथित अपहृत गुमशुदा अमित दुबे पुत्र कमलेश दुबे निवासी लक्ष्मणपुर पिलक कानपुर देहात के संबंध में दर्ज अभियोग के अनावरण में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की।
जनपद में दिनांक 05 जुलाई को औरैया – दिबियापुर रोड पर लखन वाटिका के सामने एक संदिग्ध कार Eco Sport UP32 GL 9252 चाबी लगी हुई खड़ी मिली थी। जिसमें एक मोबाइल, पर्स, कार में रक्त की छींटे, चप्पलें व रक्त रंजित रूमाल व शर्ट का कुछ भाग पाये जाने से किसी अपराध के होने की आशंका हुई थी। RTO सॉफ्टवेयर के माध्यम से वाहन स्वामी अमित दुबे पुत्र कमलेश दुबे पता केंकड़ा बिल्डर्स, विभव खण्ड, गोमती नगर जनपद लखनऊ का होना पाया गया था। इस संबंध में अमित के पिता कमलेश दुबे द्वारा थाना कोतवाली औरैया आकर बेटे के अपहरण की आशंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
पिता ने तहरीर में कही थी यह बात
“मेरा पुत्र अमित कुमार दिनांक 04.07.20 को लखनऊ से मथुरा प्रोपर्टी के सम्बन्ध में कहकर गया था । मेरी दिनांक 04.07.2020 को 10.45 PM पर उससे वात हुई थी । आज दिनांक 05.07.2020 को सुबह 10 बजे मुझे जानकारी हुई कि अमित कुमार (पुत्र) की गाडी लावारिस हालत में औरैया नगर लखन वाटिका गेस्ट हाउस के पास खडी है । मैं औरैया आया तो पुत्र अमित कुमार की खोजबीन की तो कोई जानकारी ना हो सकी तथा कार में खून के धब्बे तथा मोबाइल पड़ा मिला । प्रार्थी को आशंका है कि उसका बदनीयती से किसी ने अपहरण कर लिया है” के आधार पर थाना कोतवाली औरैया में मु0अ0सं0 434 / 2020 धारा 364 IPC पंजीकृत कराया था।
अपहृत अमित दुबे के बारे में प्रारम्भिक जानकारी करने पर सन्दर्भ में आया कि अमित दुबे ग्राम लक्ष्मणपुर पिलख, थाना मंगलपुर जनपद कानपुर देहात का मूल निवासी है जो वर्तमान में विजयन्त खण्ड, थाना गोमतीनगर, जनपद लखनऊ में किराये के आवास में अपने एकल परिवार के साथ रहता था। वादी मुकदमा / अपहृत के पिता कमलेश दुबे द्वारा अपने बयान में बताया गया कि अमित दुबे पर लाखों रूपयों का कर्ज था, उन्हीं को पैसा देने को लाया था, पिता कमलेश ने कर्ज देने वालों द्वारा ही उसके बेटे के साथ कोई अनहोनी घटना किये जाने की आशंका प्रबलता से प्रकट की थी।
जांच टीमों को नहीं मिले अपहरण जैसे साक्ष्य चूंकि वर्तमान समय में शहरी क्षेत्र में अपहरण की ऐसी दुर्दान्त घटना के होने की खबरें इलैक्ट्रॉनिक व प्रिण्ट मीडिया में जोर शोर से प्रकाशित की गयीं। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया।
इस प्रकरण की संवेदनशीलता के कारण तत्काल प्रभाव से प्रिण्ट मीडिया, इलैक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के माध्यम से अपहृत अमित दुबे की खोजबीन हेतु प्रचार प्रसार किया गया। DCRB के माध्यम से पैम्पलेट तलाश गश्ती रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड व जनसामान्य के आने जाने वाले मुख्य स्थलों एवं आस पास के जनपदों के मुख्य स्थलों पर चश्पा करवाये गये। स्वयं पुलिस अधीक्षक, औरैया द्वारा प्रान्त के सभी जोन, रेन्ज व जनपदों में अपहृत की तलाश हेतु उसके फोटो परिचय सहित R.T.संदेश प्रेषित किये गये। साथ ही जनपद स्तर पर अपहृत अमित दुबे की तलाश हेतु कुशल निरीक्षक व उपनिरीक्षकों की तीन टीमें क्षेत्राधिकारी सदर के नेत्रत्व एवं अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित के निकट पर्यवेक्षण में गठित की गयी। इन टीमों द्वारा सर्विलान्स शाखा, औरैया की टीम से समन्वय कर इस घटना के अनावरण हेतु विभिन्न पहलुओं के बारे में गहनता से जाँच की गयी तो अमित दुबे को किसी अन्य बदमाशों द्वारा अपहरण करने जैसे साक्ष्य प्रकाश में नहीं आये।
बल्कि टीमों द्वारा विभिन्न जनपदों लखनऊ, कानपुर, मथुरा, आगरा, इटावा, जालौन, कानपुर देहात व जनपद औरैया में गहनता से जांच व सुरागरसी हर पहलू से की गयी तो अमित दुबे के जानने वालों में से अधिकतर द्वारा बताया गया कि अमित दुबे ऐशोआराम की जिन्दगी जीने के लिए किसी भी हद तक जाने वाला व्यक्ति है। जिसके ऊपर जनपद लखनऊ, गांव लक्ष्मणपुर पिलख, औरैया और जालौन व तमाम अन्य जनपदों तक के लोगों का भारी भरकम कर्ज है।
खुद जिस्म को जलाया, पुलिस को बताया अपहरणकर्ताओं ने लगाया करंट
इसी क्रम में दिनांक 20.07.2020 की सुबह थाना रिफाइनरी जनपद मथुरा क्षेत्र में यह अपहृत अमित दुबे हाथ, हाथ पैर, मुंह बंधा हुआ; शरीर पर जहां तहां जलने से घायल हुआ हाईवे किनारे मथुरा पुलिस को मिला। जिसे मथुरा पुलिस द्वारा थाने ले जाकर उसका मैडिकल परीक्षण कराया गया। और इस जनपद को सूचना की गयी। इस सूचना पर निरीक्षक शशांक राजपूत मय टीम के थाना रिफाइनरी, जनपद मथुरा जाकर अपहृत अमित दुबे को नियमानुसार थाना औरैया लाया गया जिसे बाद सामान्य पूछताछ उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया।
किन्तु परिजनों को सुपुर्दगी के बाद अपहृत द्वारा बताये गये वाक्यात ”कि उसका अपहरण, किसी बदमाश द्वारा पुलिस की वर्दी में अपने तीन साथियों के साथ मिलकर अनन्तराम टोल को पास, दिनांक 04 / 05 जुलाई 2020 की रात को किया गया और उससे 52 लाख रूपये लूट लिए, जो वह जनपद मथुरा के अपने मित्र हरीगोपाल से लेकर आ रहा था, और उन बदमाशों द्वारा तीन चार नशे के इंजेक्शन देकर उसे बेहोश कर दिया। उसे बदमाशों ने बहुत मारा पीटा और उसके शरीर पीठ, सीने, माथे व पैरों को जगह जगह विद्युत करन्ट से जला दिया। और छोड़ने के लिए उससे अधिक रकम की माँग करने लगे। दिनांक 20.07.2020 को रात में उसे नहीं पता वह मथुरा में हाईवे किनारे हाथ पैर बंधी हालत में कैसे आ गया।” के बारे में सम्यक विचार किया गया।
52 लाख लूटे जाने की बात कहकर पुलिस को किया गुमराह
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हमारी पुलिस टीमें अपहृत की आम शौहरत, संगत व क्रियाकलाप के बारे में पूर्व में ही जानकारी कर चुकी थीं। फिर भी अपहृत द्वारा बतायी गयी धनराशि 52 लाख, जिसे जनपद मथुरा के हरिगोपाल द्वारा अमित दुबे को देना बताया गया तो हरिगोपाल को जनपद मथुरा से तत्काल प्रभाव से औरैया बुलाया गया। और अमित दुबे को पुनः वास्ते गहन पूछताछ थाना कोतवाली औरैया पर बुलाया गया। अमित दुबे अपने परिजनों के साथ थाना आया। एवं इसी दौरान विभिन्न न्यूज चैनलों व सोशल मीडिया के माध्यम से अमित दुबे के सकुशल वापस आ जाने की खबर पाकर उसके तमाम कर्ज देने वाले लोग भी थाना उपस्थित आये।
अमित दुबे व वादी पक्ष एवं कर्ज देने वाले तमाम लोगों व हरिगोपाल, मथुरा के आमने सामने पुलिस द्वारा वार्ता की गयी। हरि गोपाल द्वारा अमित दुबे को 52 लाख रूपये दने की बात नकार दी और मात्र एक किलो पेड़े भगवान बिहारी जी के प्रसाद के रूप में देने की बात बताई गयी। और शेष कर्जदारों द्वारा भी अपने अपने कर्जे की बात बतायी गयी तो अमित दुबे द्वारा अपने ऊपर Dr. S.S. ठाकुर निवासी कोंच जनपद जालौन के 40 लाख, भूपेन्द्र सिंह निवासी बरौंदा कलां जनपद जालौन के 15 लाख, मोहित शंकर शुक्ला निवासी लक्ष्मणपुर पिलख जनपद कानपुर देहात के 03 लाख व सत्यनारायण उर्फ पं0 बब्लू निवासी कन्चौसी जनपद कानपुर देहात के 08 लाख रूपये व श्रीमती नीतू सिंह निवासी नॉयडा के 12 लाख रूपये और तमाम लोगों से कर्ज लेने की बात स्वीकार की गयी।
शातिर दिमाग ने एक दिन पहले ही करवाया था बीमा
साथ ही अमित दुबे द्वारा स्वीकारा गया कि उसके द्वारा कर्ज के लेनदारों को रूपये वापस नहीं करने की बदनीयति से और उनको अपने अपहरण के झूठे मुकदमे में उनको फंसाने के उद्देश्य से उसके द्वारा स्वंय का अपहरण हो जाने का षड्यन्त्र रचा गया था। और वाक्यात बताया कि “दिनांक 04.07.2020 को वह अपने लखनऊ स्थित आवास से सुनियोजित ढंग से अपनी कार Eco Sport UP32 GL 9252 व ड्राइवर खुद का रिस्कवर सहित इंश्योरेन्स कराया। अपने सामान्य परिचित व्यक्ति हरिगोपाल निवासी मथुरा से मिलने के लिए अमित ने हरिगोपाल से भगवान बिहारी जी का पेड़े का प्रसाद लेने की इच्छा की और अपने पिता व पत्नी को फोन पर बताया कि वह किसी प्रापर्टी डील के काम से मथुरा जा रहा है।
अमित दुबे मथुरा के गोवर्धन पैलेस होटल जाकर हरिगोपाल से मिला और पेड़े का प्रसाद लिया और रास्ते से एक मैडिकल सिरिन्ज व रूई खरीदी और वहाँ से सीधे औरैया आया । औरैया स्थित हाईवे पर सिकन्दरा, का0दे0 से मिहौली, औरैया के बीच अपनी योजना को मूर्त रूप देने के लिए कार से एक दो बार चक्कर लगाता रहा फिर दिबियापुर रोड पर आया और एकान्त स्थान देखकर कार लखन वाटिका के पास पार्क की। चूंकि अमित दुबे चिकित्सा विषयक विशेष शिक्षा प्राप्त है, उसने सिरिन्ज से अपनी नशों से रक्त निकाला और कार की स्टीरिंग, गेयर, खिड़की आदि जगहों पर रक्त छिड़का। अपने रूमाल से हाथ से रिस रहा रक्त पोंछा।
और अपने कुछ कपड़े, पर्स से सारे रूपये करीब 20 हजार, पेड़े और जरूरी चीजें लेकर कार में चाबी लगी हुई, शर्ट का कुछ भाग फाड़ कर डालकर, चप्पलें संदिग्ध अवस्था में पड़ी छोड़कर अपने को रोड किनारे लगे पेड़ों की आड़ से छिपाते हुए औरैया की ओर आया। जहां एक आटो मिलने पर सिकन्दरा, कानपुर देहात चला गया, वहीं सिरिन्ज, काटन व गैर जरूरी चीजें फैंक दी। जहां से एक प्राइवेट बस में सवार होकर जनपद आगरा पहुंचा, वहां अमित दुबे ने अपनी पहचान छिपाने हेतु अपने हेयर कट व सेविंग करवाई। आगरा से जनपद मुजफ्फर नगर होते हुए उत्तराखण्ड के जनपद हरिद्वार स्थित हरि की पौड़ी पर गया।
गायब रहने के दौरान उत्तराखंड में किया सैर सपाटा
कुछ दिन अमित दुबे ने ऋषिकेश, गौरी कुण्ड में बिताये। खुद को अपहृत साबित करने एवं बदमाशों द्वारा दी गयी यातनाओं व उनके चंगुल से छूटकर आने को सत्य प्रमाणित करने के उद्देश्य से अमित दुबे ने खुद ही एक धातु की पट्टी को गर्म कर के स्वंय पीठ के बल लेट लेट कर बार बार अपनी पीठ को जलाया और अपने सीने पर भी जलने के निशान बनाये। साथ ही अपने पैरों, हाथों, माथे व सिर पर मारपीट की चोट खुर्सट व जलने के निशान बनाये’’ और बयान में बताया कि उसे विद्युत करण्ट देकर यातना दी गयी। जबकि जनपद मथुरा के चिकित्सक द्वारा MLC रिपोर्ट में चोटों का इलैक्ट्रिक बर्न के बजाय थर्मल बर्न होना अंकित किया है। इसी क्रम में विवेचक निरीक्षक शशांक राजपूत व स्वाट टीम द्वारा अमित दुबे को साथ ले जाकर उसकी निशानदेही पर साक्ष्य एकत्रित किये गये। अमित दुबे द्वारा यह हीन कृत्य सिर्फ अपने द्वारा लिया गया कर्ज का पैसा वापस नहीं करने एवं कर्जदारों को अपने अपहरण के झूंठे मुकदमें में फंसाने के उद्देश्य से किया गया जो कि धारा 389 भा.द.वि. का अपराध है। अभियुक्त अमित दुबे के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जा रही है। सम्बन्धित न्यायालय में प्रस्तुत कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा जाएगा।