सुप्रीम कोर्ट ने गैंगेस्टर विकास दुबे गैंग के एनकाउंटर के जाँच के दिये आदेश

देश

सुप्रीम कोर्ट ने गैंगेस्टर विकास दुबे गैंग के एनकाउंटर के जाँच के दिये आदेश

By

July 20, 2020

सुप्रीम कोर्ट ने गैंगेस्टर विकास दुबे गैंग के एनकाउंटर के जाँच के दिये आदेश

जाँच कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज और पूर्व डीजीपी होंगे शामिल

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज विकास दुबे व उसके सहयोगियों के एनकाउंटर मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई है। मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। कमेटी में एक सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज और पूर्व डीजीपी शामिल होंगे ।

यह भी देखें… औरैया में 15, इटावा में 12 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले

गौरतलब है कि कानपुर के भौंती क्षेत्र में बीती 10 जुलाई को एसटीएफ की गाड़ी पलटने के बाद उसमें से पुलिस का हथियार छीनकर भागने के दौरान विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर हो गया था। इस एनकाउंटर में उसे तीन गोली लगी थी।

अब गैंगेस्टर एनकाउंटर की जाँच के लिये सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर जांच कमेटी मेंं सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज और एक पूर्व DGP को  शामिल किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार कोर्ट मे कमेटी पुनर्गठन से संबंधित मसौदे के लिए नोटिफिकेशन दाखिल करेगी। अगली सुनवाई बुधवार, 22 जुलाई को की जाएगी। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, इस जांच से कानून मजबूत होगा और पुलिस का मनोबल नहीं टूटेगा। यह केवल एक घटना नहीं है जो दांव पर है। पूरी व्यवस्था दांव पर है।

यह भी देखें… प्रवासी कामगार परिवारों को मिलेगा आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड

मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाया लेकिन विकास दुबे एनकाउंटर की हैदराबाद एनकाउंटर से तुलना को भी खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा ‘उत्तर प्रदेश में विकास दुबे के एनकाउंटर व हैदराबाद में दुष्कर्मियों के एनकाउंटर में अंतर है। क्योंकि हैदराबाद में दुष्कर्मियों के पास कोई हथियार नहीं था। कोर्ट ने आगे कहा, ‘ राज्य सरकार के तौर पर शासन व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार जिम्मेवार है।’ उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि वह एनकाउंटर मामले में जांच के लिए दोबारा कमेटी के गठन को तैयार है। राज्य सरकार ने बताया कि इंक्वायरी पैनल द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार यह मसौदे का नोटिफिकेशन 22 जुलाई तक कोर्ट के समक्ष पेश करेगी।

यह भी देखें… बढ़ती कोरोना मरीजों की तादाद, दिबियापुर में पॉलिटेक्निक को कोविड-19 हॉस्पिटल बनाने की तैयारी