Home देश मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिये हिंदूवादी संगठनों का जोरदार प्रदर्शन

मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिये हिंदूवादी संगठनों का जोरदार प्रदर्शन

by
मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिये हिंदूवादी संगठनों का जोरदार प्रदर्शन
मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिये हिंदूवादी संगठनों का जोरदार प्रदर्शन

अलवर। अलवर के राजगढ़ इलाके में विकास के नाम पर 300 साल पुराने मंदिर और दुकानों को तोड़े जानें का मामला सियासी गलियारों में गरमाया हुआ है। इस मामले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हिंदू संगठनों ने ‘आक्रोश रैली’ निकाली है। बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले में पिछले सप्ताह तीन मंदिरों और 86 दुकानों और घरों को ध्वस्त कर दिया गया था, अधिकारियों ने कार्रवाई को राजगढ़ शहर में एक सड़क को चौड़ा करने के लिए एक अतिक्रमण विरोधी अभियान का हिस्सा बताया था। तोड़े गए मंदिरों में 300 साल पुराना शिव मंदिर भी शामिल है, प्रदर्शनकारी उसी स्थान पर मंदिरों के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं।

यह भी देखें : मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षाएं 14 मई से प्रारंभ होगी

बताते चलें कि शहीद स्मारक (शहीद स्मारक) से समाहरणालय तक मार्च कर रही रैली में अलवर के सांसद बालकनाथ समेत कई साधु-संन्यासी शामिल हैं। राजस्थान पुलिस ने “जय श्री राम” के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए हैं। स्थानीय लोगों का तो यह तक कहना है कि मंदिर गिराने की कार्रवाई के वक्त मौजूद अधिकारियों ने इन मंदिर में लगी मूर्तियों को हटाने तक नहीं दिया था, मीडिया रिपोर्ट्स में साफ देखा जा सकता है कि चारों ओर भगवानों कि प्रतिमाओं के टूटे हुए अंश बिखरे पड़े है।

यह भी देखें : किसान भागीदारी प्राथमिकता अभियान के तहत वृहद किसान मेला

मंदिरों को तोड़े जाने को लेकर बीजेपी और सत्तारूढ़ कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है।   राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने जहां कांग्रेस पर विध्वंस के पीछे होने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह शहर की नगर पालिका का निर्णय था, जिसका नेतृत्व भगवा पार्टी ही  कर रही थी। जिला प्रशासन का दावा है कि विध्वंस की कार्रवाई में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया और नोटिस जारी किए गए थे। 

यह भी देखें : नहरी राजकीय भूमि पर कब्जा करने वालों को अंतिम नोटिस

भाजपा ने कहा कि स्थानीय कांग्रेस विधायक जोहोरी लाला मीणा उस बैठक में मौजूद थे जहां मंदिरों को गिराने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि बोर्ड द्वारा निर्णय की पुष्टि की गई जिसमें अध्यक्ष और बहुमत के सदस्य भाजपा से थे। घटना के बाद राजस्थान की अशोक गहलोत की सरकार ने कहा कि विध्वंस नहीं किया जाना चाहिए था और मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने मुआवजे के दावों और विध्वंस की वैधता की मांगों को देखने के लिए एक समिति भी बनाई है।कांग्रेस ने भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार के तहत जयपुर में 2015 में करीब 100 मंदिरों को तोड़े जाने का मुद्दा भी उठाया था। भाजपा ने यह कहकर इसको टाल दिया कि वह केवल “ढांचों को बदल रही है”। हालांकि, कई टूटे हुए मंदिरों का आज तक पुनर्निर्माण नहीं किया गया है।

You may also like

1 comment

romantik69.co.il April 27, 2022 - 8:42 PM

Excellent post. I definitely appreciate this website. Thanks!

Reply

Leave a Comment