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टिड्डी दल के संभावित हमले से निपटने को बनाई रणनीति

grasshoper
सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में टिड्डी दल के संभावित हमले को लेकर अफसरों ने चर्चा की

औरैया। जिले में संभावित टिड्डी दल के आक्रमण को निष्फल करने के लिए सोमवार को यहां हुई एक बैठक में रणनीति तय की गई। यदि टिड्डी दल जिले में नजर आता है तो गेल, एनटीपीसी, नगर निकायों व फायर ब्रिगेड के पास उपलब्ध संसाधनों का उपयोग टिड्डी दल के विरुद्ध किया जाएगा।
सोमवार को मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में ककोर कलेक्ट्रेट सभागार में टिड्डी दल के नियंत्रण के संबंध में जनपद स्तरीय विभिन्न विभागों की बैठक हुई। इसमें नगर पालिका, नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी, जिला अग्निशमन अधिकारी, एनटीपीसी एवं गेल के अग्निशमन दल प्रभारी मौजूद रहे। प्रभागीय वन अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी एवं विकास खंडों के सहायक विकास अधिकारी कृषि एवं कृषि रक्षा उपस्थित रहे । बैठक का मुख्य उद्देश्य जनपद में टिड्डी दल के आक्रमण की स्थिति में उनके नियंत्रण के संबंध में जरूरी तैयारी रखने का था ।

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नगर पंचायतों, अग्निशमन ,गेल ,एनटीपीसी के पास लगभग 10 से अधिक बड़े गाड़ी युक्त स्प्रेयर हैं ,साथ ही साथ जनपद में 30 से अधिक पानी के टैंकर हैं जिनका उपयोग दवाई के छिड़काव में किया जाएगा। कृषि विभाग ने 100 लीटर दवा का स्टाक किया है जिसका आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सकेगा। बैठक का दूसरा मुख्य बिंदु जिले में सर्विलांस के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान पुख्ता करना रहा। ककोर में संचालित नियंत्रण कक्ष में सर्विलांस के माध्यम से सूचना देनी है। इस कार्य के लिए कृषि विभाग के लिए प्राथमिक सहायक लेखपाल, रोजगार सेवक, ग्राम विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वह ग्राम प्रधानों के माध्यम से ग्राम पंचायतों में जागरूकता बैठकर आयोजित कर किसानों को सावधान करें तथा टिड्डी आने की स्थिति में तत्काल नियंत्रण कक्ष को सूचित करें। बैठक में उप कृषि निदेशक द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया, जिला कृषि अधिकारी द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। निर्णय लिया गया कि इस संबंध में एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल किए जाएं और आवश्यकता पड़ने पर अभिलंब कार्रवाई शुरू की जा सके। छिड़काव की कार्रवाई रात 11:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक की जाती है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय वन अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, डीपीआरओ, अधिशासी अधिकारी ,गेल पाता व एनटीपीसी अग्निशमन विभाग के प्रतिनिधि शामिल हुए।

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