एसटीएफ ने जौनपुर के 20 संदिग्ध शिक्षकों को किया चिन्हित

उत्तर प्रदेश

एसटीएफ ने जौनपुर के 20 संदिग्ध शिक्षकों को किया चिन्हित

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December 15, 2021

एसटीएफ ने जौनपुर के 20 संदिग्ध शिक्षकों को किया चिन्हित

जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी शैक्षिक और प्रशिक्षण अभिलेख दिखा नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों के संबंध में मिल रही शिकायतों के बीच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जिले के परिषदीय स्कूलों के 20 संदिग्ध शिक्षकों को चिन्हित किया है।

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एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इन शिक्षकों के सभी शैक्षिक व प्रशिक्षण संबंधित अभिलेख मांगा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ़ गोरखनाथ पटेल ने संबंधित ब्लाकों के खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को पत्र भेजकर अविलंब अभिलेखों की प्रमाणित छायाप्रति कार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उनका पत्र आते ही पिछले दरवाजे से नौकरी पाने वालों में खलबली मच गई है।

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जनपद के प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में अरसे से फर्जीवाड़ा का खेल चल रहा है। फर्जी शैक्षिक व प्रशिक्षण का अभिलेख लगाकर शिक्षक बनने वालों की लंबी फेहरिस्त है। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ समय-समय पर जांच की जाती है। पकड़े जाने पर ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है। इसी क्रम में एसटीएफ ने 20 संदिग्ध शिक्षकों को चिन्हित करके अभिलेख मांगा है। बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर अविलंब अभिलेखों की प्रमाणित छायाप्रति कार्यालय में उपलब्ध कराने को कहा है। निर्देश दिया है कि यदि कोई शिक्षक अभिलेख देने में हीलाहवाली करता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर मुझे प्रेषित करें, अन्यथा वह खुद जिम्मेदार होंगे।

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एसटीएफ ने जिन संदिग्ध शिक्षकों के समस्त प्रमाणित दस्तावेज मांगा है उनमें शाहगंज ब्लाक के दो शिक्षक, जलालपुर के एक, रामनगर ब्लाक के सात शिक्षक हैं। इसी तरह डोभी की एक, सुईंथाकला के एक, सुजानगंज ब्लाक के तीन तथा मड़ियाहूं विकास खंड के पांच शिक्षक शामिल हैं। संदिग्ध शिक्षकों के समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति के लिए एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने 11 बार जिले में पत्र भेजा है। इसके बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग ने अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया है। बीएसए ने संबंधित सात ब्लाकों के खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कहा है कि मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड अभिलेखों की जांच की जा रही है। अभिलेख संदिग्ध मिलने पर स्पेशल टास्क फोर्स ने प्रमाणित प्रति मांगी है। जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।