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अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर विशेष…

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धैर्य और लगन की मिसाल हैं दीनदयाल

सहायक भी है और सलाहकार भी

परिवार नियोजन में बेहतर कार्य करने के लिए हुए सम्मानित

जब भी हम “नर्स” शब्द की कल्पना करते हैं तो हमारे दिमाग में सफ़ेद पोशाक में लिपटी महिला की एक ऐसी सौम्य छवि उभर कर आती है जो डॉक्टर के अतिरिक्त तकलीफ से गुजरती जिन्दियों को अपनी सेवा से मुस्कान और जीवनदान देने का प्रयास करती रहती है | पर जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अछल्दा में पिछले 10 सालों से कार्यरत स्टाफ नर्स दीनदयाल ने काम की शुरुआत की तो लोग यकीन ही नहीं कर पाते थे कि पुरुष भी नर्स हो सकते हैं। जबकि पुरुष भी उतनी ही संवेदनशीलता और परवाह से बीमार की देखभाल कर पाते हैं, जितनी कि कोई फीमेल नर्स। लंबे आपरेशन के दौरान डॉक्टर के साथ बतौर सहायक खड़े होना हो, मरीज को समय से दवा व सुई देनी हो या फिर सामान्य प्रसव कराना हो यह सभी चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे दीनदयाल धैर्य और लगन की मिसाल हैं।

मरीज़ को स्वस्थ देख कर मेहनत सफल

दीनदयाल बताते हैं जनवरी 2010 में अछल्दा सीएचसी में नियुक्ति के बाद से कई ऐसे डिलीवरी केस हुए जो काफी हद तक कठिन थे पर जब डिलीवरी करने के बाद जब माँ और बच्चो को स्वःथ देखते है तब ऐसा लगता है मेरी मेहनत सफल हो गयी। वह बताते हैं कि प्रसव के दौरान बच्चे के मुंह में मल चला गया था जिससे उसको सांस लेने में समस्या हुई। सक्शन मशीन से उसके मुंह में फंसे मल को बाहर किया, जिससे वह दुबारा सांस ले पाया। उनके अनुसार अक्सर गंभीर प्रसव वाले केस भी हमारी टीम सँभाल लेती है।

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रोज ही होता है नर्स डे

दीनदयाल भर्ती मरीज का ड्रिप चेंज करते है तब तीमारदार उनसे पूछते हैं ‘अभी और कितनी लगेगीं।’ वे मुस्कुरा कर जवाब देते हैं ‘बस एक और।’ इसके बाद वह दूसरे रूम में मरीज को देखने चली जाते हैं। दीनदयाल से जब उनसे नर्स डे के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि उनके लिए रोज ही नर्स डे है। मरीजों की सेवा करके जो आत्मसंतुष्टि मिलती है उसको वे शब्दोंं में बयां नहीं कर सकती। कई बार लोग अपने गंभीर मरीजों को छूते भी नहीं है। उनकी साफ-सफाई, उनका बिस्तहर साफ करना, स्पंज करना, दवाई देना सारे काम उन्हेंव ही करने होते हैं। कंचन बताती है कि उन्हें तो डबल ड्यूटी करनी पड़ती है। अस्पताल के साथ घर की भी जिम्मेदारी निभानी होती है।

परिवार नियोजन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर मिला सम्मान

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से वित्तीय वर्ष 2019-20 में परिवार नियोजन के क्षेत्र में मंडल स्तर पर 673 पीपीआईयूसीडी (पोस्टमॉर्टम इंट्रायूटेराइन कोंट्रासेप्टिव डिवाइस) लगाकर सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर दीनदयाल को सम्मानित किया गया। दीनदयाल कहते हैं परिवार नियोजन एक अति महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस क्षेत्र में शतप्रतिशत सफलता के लिए महिलाओं की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण है। परिवार बढ़ाने की जिम्मेदारी महिलाओं के कंधे पर होती है, ऐसे में परिवार नियोजन का फैसला भी उन्हें ही लेना होगा।
सीएचसी में दीनदयाल के अलावा कोई महिला स्टाफ नर्स नहीं है। यहां प्रतिदिन औसतन 4 से 5 प्रसव ही प्रतिदिन हो पाते हैं। इसमें लेबर रूम के स्टाफ नर्स दीनदयाल का योगदान महत्वपूर्ण है। चिकित्सा अधीक्षक डा. सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि निष्ठापूर्वक काम करने वाले दीनदयाल जरूरत पड़ने पर अवकाश के दिन भी घर से आकर सेवा देने के लिए तत्पर रहते हैं।

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नर्स दिवस : यह भी जानें

नर्स प्रणाली की संस्थापक फ्लोरेंस नाईटिंगल के जन्मदिन 12 मई को हर वर्ष नर्स दिवस के रूप में मनाते हैं। वर्ष 1965 से यह दिवस अंतरराष्ट्रीय नर्स काउंसिल द्वारा नर्स दिवस मनाया जा रहा है। हर वर्ष के नर्स दिवस की थीम अलग- अलग होती है। वर्ष 2020 में नर्स दिवस की थीम है – वॉयस टू लीड – नर्सिंग द वर्ल्ड टू हेल्थ।

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