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औरैया में यूनियन जैक उतारते वक्त शहीद हुए थे छह

औरैया में यूनियन जैक उतारते वक्त शहीद हुए थे छह

औरैया में यूनियन जैक उतारते वक्त शहीद हुए थे छह

औरैया। स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई में औरैया के रण बांकुरों से इतिहास भरा पड़ा है। 12 अगस्त 1942 को औरैया के क्रांतिकारियों ने सदर तहसील पर लगे यूनियन जैक को उतारकर तिरंगा झंडा फहरा दिया था। इस घटना में अंग्रेजों की गोलीबारी में जिले के छह क्रांतिकारियों की जान चली गई थी। जिला प्रशासन ने इस बार शहीदों की याद में सदर तहसील परिसर में शहीद स्तंभ बनवाकर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। महात्मा गांधी के अंग्रेजो भारत छोड़ो के आह्वान पर 12 अगस्त 1942 की दोपहर क्रांतिकारियों का एक जुलूस अंग्रेजों के खिलाफ नारेबाजी करता हुआ सदर तहसील पहुंचा। उस समय वहां मौजूद थाना इंचार्ज जगन्नाथ सिंह व दरोगा रामजी लाल ने जुलूस में शामिल छात्रों से शांतिपूर्वक जुलूस वापस ले जाने के लिए कहा।

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लेकिन योजना के तहत छात्र तहसील भवन पर तिरंगा फहराने के लिए और तहसील की छत पर लगे यूनियन जैक को उतारने से पीछे हटने को तैयार नही थे तो उन छात्रों को जब छत पर जाने का रास्ता नही मिला तो उस जुलूस में शामिल कौशल किशोर शुक्ला, मंगली प्रसाद आर्य उस समय के निर्माणाधीन एबी स्कूल (वर्तमान में तिलक इंटर कालेज के नाम से है) से है जहां से वह बड़ी सीढ़ी उठा लाए। इसके बाद तहसील भवन की दीवार पर सीढ़ी लगाकर चढ़ने लगे। यह देख मौजूद अंग्रेजी पुलिस ने उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं। इस बीच कुछ अंग्रेज अफसर तहसील भवन के अंदर चले गए और मुख्य गेट को बंद कर लिया।

औरैया में यूनियन जैक उतारते वक्त शहीद हुए थे छह

इसके बाद तहसील में ऊपर बनी खिड़की से सिपाहियों ने पहुंचकर गोलियां चलानी शुरू कर दी। पहले अंग्रेज सिपाहियों ने हवाई फायर कर क्रांतिकारियों को डराकर भगाने का प्रयास किया पर क्रांतिकारी पीछे नहीं हटे। इसके बाद अंग्रेजी सिपाहियों ने सीधे जुलूस पर गोलियां चलानी शुरू कर दी।जिससे गोलियों की चपेट में आने से गांव पीपरपुर निवासी दर्शन लाल, शहर के मोहल्ला खिड़की साहबराय निवासी भूरे नाई, मोहल्ला पढ़ीन दरवाजा निवासी बाबूराम, मोहल्ला भीखमपुर निवासी सुल्तान खां, मोहल्ला गुमटी निवासी कल्यान चंद्र, मंगली प्रसाद की मौत हो गई। जबकि आठ अन्य लोग घायल हो गए। उन्हें सिपाहियों ने गिरफ्तार कर लिया था।

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तब से शहीदों की याद में हर साल 12 अगस्त को औरैया में पुरानी धर्मशाला से एक जुलूस निकालकर सदर तहसील तक लोग जाते हैं। जहां शहीदों की याद में श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं। इसके वाद शहीदों की याद में बनाये गए शहीद पार्क पहुंच कर उनकी स्मृति में बने शहीद स्तम्भ पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन वीर शहीदों को याद किया जाता है।इस बर्ष जिलाधिकारी पीसी श्रीवास्तव ने सदर तहसील परिसर में जहां अंग्रेजों की गोलियों से छह क्रांतिकारियों की शहादत हुई थी, वहां पर एक शहीद स्मारक बनवा दिया है।जहाँ पर आज उन वीर शहीदों को याद कर उनकी याद में बृक्षा रोपण भी किया जाएगा।

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