पटना। पीएफआई की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से कर पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों मुश्किलों में आ गए हैं। बिहार में बड़े आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ करने वाले एसएसपी को पुलिस ने कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है। एडीजी (कानून व्यवस्था) जितेंद्र सिंह गंगवार द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि एसएसपी को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान क्यों दिया। पटना पुलिस द्वारा गुरुवार को प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से कथित रूप से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद, ढिल्लों ने कट्टरपंथी संगठन की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से की थी। ढिल्लों ने कहा, “जिस तरह से आरएसएस की शाखाओं का आयोजन किया जाता है और उसके कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाता है, उसी तरह का पैटर्न पीएफआई द्वारा अपनाया जा रहा था। मार्शल आर्ट की आड़ में, वे कार्यकर्ताओं को हथियार प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। उनके बयान के बाद, बीजेपी ने एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
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बीजेपी नेता हरि भूषण ठाकुर और निखिल आनंद ने चौंकाने वाले बयान के लिए ढिल्लों की खिंचाई की और उन्हें बर्खास्त करने की मांग की। ठाकुर ने दावा किया कि ढिल्लों ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है, जहां बीजेपी ने ढिल्लों के विवादित बयान को लेकर उन पर हमला बोला, वहीं उसके सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) एसएसपी के बचाव में उतर आए। एचएएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, “पटना एसएसपी ने कहा है कि जिस तरह से आरएसएस शाखाओं का आयोजन करता है, उसी तरह पीएफआई युवाओं को प्रशिक्षण दे रहा है। इसमें गलत क्या है? इसका मतलब यह नहीं है कि ढिल्लों ने कहा कि आरएसएस एक उग्रवादी संगठन है।पंजाब के रहने वाले मानवजीत सिंह ढिल्लो 2009 के बिहार कैडर के आईपीएस हैं। पटना के एसएसपी बनने से पहले वो समस्तीपुर के एसपी थे। उससे पहले उनकी तैनाती मुंगेर में बतौर एसपी थी। साल 2020 में मुंगेर में मां दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए बवाल के बाद चुनाव आयोग ने मुंगेर के एसपी के तौर पर तैनात किया था। मुंगेर से पहले वो पटना में पुलिस अधीक्षक (विशेष कार्य बल) के पद पर तैनात थे। मानवजीत सिंह ढिल्लों तब चर्चाओं में थे जब उन्होंने वैशाली में एसपी रहते हुए लापरवाही बरतने वाले 3 डीएसपी समेत 66 पुलिसवालों पर एफआईआर दर्ज की थी।