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नहीं रहे शोभन सरकार शोक में डूबे भक्त..

Shobhan Sarkar is no more a devotee in mourning

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उन्नाव के डौंडियाखेड़ा में खजाना मिलने की बात कहकर आए थे चर्चा में
कानपुर: उन्नाव के डौंडियाखेड़ा में सोने के बड़े भंडार की भविष्यवाणी करने वाले बाबा शोभन सरकार बुधवार सुबह नहीं रहे। स्वामी विरक्तानंद महाराज प्रचलित नाम शोभन सरकार के निधन से भक्त स्तब्ध हैं उनमें शोक की लहर है। कानपुर और आसपास के जिलों से उनके भक्त शिवली के निकट स्थित आश्रम पहुंचने लगे हैं।

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वर्ष 2013 में उन्नाव के डौंडियाखेड़ा में राजा राव रामवख्श के खंडहर महल में 1000 टन सोने का भंडार होने का सपना देखा था। उन्होंने सरकार को जानकारी दी थी इस महल में हजारों टन सोना दबा है। इसके बाद एएसआई ने 18 अक्टूबर को राजा राव रामबख्श के खंडहर महल में खुदाई शुरू कराई। जियोलॉजिकल ऑफ इंडिया ने एएसआई को 29 अक्टूबर को रिपोर्ट दी थी, जिसमें उसने कहा था कि महल के नीचे सोना, चांदी या अन्य धातु दबी हो सकती है। करीब एक महीने तक चली खुदाई का काम 19 नवंबर 2013 को पूरा हुआ।

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पांडु नदी से नहर निकालकर हुए लोक प्रिय
अपने आश्रम के आसपास के इलाके में सिंचाई संसाधनों के विकास के लिए शोभन सरकार ने क्षेत्रीय लोगों के साथ मिलकर अपने निजी संसाधनों से इलाके से गुजरने वाली पांडु नदी से लिफ्ट कैनाल योजना के जरिए शोभन मंदिर तक नहर बनवाई जिससे इस क्षेत्र में समृद्धि की फसल लहलहा उठी। इसी के साथ शोभन सरकार की लोकप्रियता और बढ़ गई।

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शोभन सरकार मंदिर कई एकड़ में फैला है
स्थानीय लोगों के अनुसार शोभन सरकार पैसे से हमेशा दूर रहते थे, वह भक्तों को दान देने से मना करते थे। शोभन सरकार के बारे में टिकरा के रहने वाले नर्मदा प्रसाद शुक्ला बताते हैं कि 2004 में कानपुर और उन्नाव के बीच एक नया पुल बनाने की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया।
इसके बाद शोभन सरकार ने भक्तों के चढ़ावे से पुल बनाने का फैसला किया। कई ट्रक बिल्डिंग मटीरियल खरीद लिया गया। ऐसे में सरकार ने पुल बनवाने की घोषणा की और शोभन सरकार ने जो सामान खरीदा था उससे उन्होंने एक नया आश्रम बनवाया। शोभन आश्रम कई एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है जिसके मध्य में एक विशाल मंदिर स्थापित है।

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रहस्य से कम नहीं थे शोभन सरकार
शोभन सरकार के बारे में ठोस जानकारी कम और कहावतें अधिक प्रचलित हैं इसकी वजह यह है कि शोभन सरकार सार्वजानिक कार्यक्रमों में बहुत कम आते थे और भक्तों को भी काफी दूर से ही दर्शन देते थे शोभन सरकार की कोई तस्वीर भी उपलब्ध नहीं थी। इसके बावजूद उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ वर्षों पहले कानपुर के आसपास की हर गाड़ी के शीशे पर शोभन सरकार लिखा रहता था. बहुत कम लोगों को पता था कि शोभन सरकार के नाम से प्रसिद्ध इन बाबा का वास्तविक नाम विरक्तानंद था। शोभन सरकार का जन्म शिवली के पास एक गांव में हुआ था 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अपना घर छोड़कर वैराग्य धारण कर लिया था और आश्रम में रहने लगे थे।

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