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समर्थन जुटाने खातिर वृंदावन से रथ पर सवार होकर निकलेंगे शिवपाल

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समर्थन जुटाने खातिर वृंदावन से रथ पर सवार होकर निकलेंगे शिवपाल
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[13:03, 25/09/2021] +91 94121 84557: आगरा होते हुए 14 या 15 अक्तूबर को इटावा आएगी रथयात्रा

इटावा। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने में भले ही अभी काफी समय बचा है मगर राजनीति के दिग्गजों ने मतदाताओं को लुभाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा 12 अक्तूबर को वृंदावन (मथुरा) से शुरू करेंगे।

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प्रसपा महासचिव आदित्य यादव ने परिवर्तन यात्रा की पुष्टि करते हुए बताया कि मथुरा के वृंदावन से 12 अक्तूबर से पार्टी मुखिया की रथयात्रा प्रारंभ होगी। रथ यात्रा को निकालने की तिथि तय कर ली गई है। इस सिलसिले में जल्द ही लखनऊ में पार्टी नेताओं की बैठक होगी जिसके बाद रथयात्रा की अधिकृत घोषणा कर दी जाएगी। शिवपाल सिंह यादव इस रथ से पूरे प्रदेश का भ्रमण करेंगे और अपनी पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाएंगे । यात्रा मथुरा और आगरा से होते हुए 14 या 15 अक्तूबर को इटावा आएगी। रथयात्रा का रोड और रूट मैप तैयार हो चुका है। यात्रा कब और किस समय किस जिले में पहुंचेगी। यह भी निर्धारित किया जा चुका है।

समाजवादी पार्टी (सपा) से अलग होकर अपनी पार्टी प्रसपा का गठन करने के बावजूद शिवपाल की अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से करीबियां बरकरार हैं। शिवपाल ने बड़े भाई को गुरु मान परिवर्तन रथ में उनका फोटो लगाकर आगे बढ़ने की तैयारी कर ली है।
उत्तर प्रदेश में दो बार क्रांति रथ निकाल चुके मुलायम सिंह यादव की तरह ही शिवपाल भी सामाजिक परिवर्तन रथ निकालने की तैयारी कर चुके हैं। आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का परिवर्तन रथ तैयार हो चुका है। रथ फिलहाल सैफई के एसएस मेमोरियल स्कूल परिसर मे कडी सुरक्षा के बीच खडा हुआ है ।

रथ पर मुलायम, लोहिया, जनेश्वर मिश्र की भी तश्वीरें

काफी समय से समाजवादियों को एकजुट करने की वकालत और सपा से गठबंधन की पैराकारी कर रहे शिवपाल के इस रथ की तस्वीरें सामने आने के बाद राजनैतिक चर्चाएं आम हो गयी है इस रथ की कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। रथ के बाहरी ओर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के अलावा शिवपाल,उनके बेटे आदित्य , जनेश्वर मिश्र,डा. राम मनोहर लोहिया ओर चौधरी चरण सिंह समेत समाजवादियों की तस्वीरें लगाई गई है।

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2017 से चाचा शिवपाल व भतीजे अखिलेश के बीच हैं दूरियां

सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल के बीच 2017 से दूरियां बनी हुयी है। 2019 के संसदीय चुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन करके पूरे प्रदेश भर में अपने उम्मीदवार उतारे थे और खुद शिवपाल फिरोजाबाद संसदीय सीट से सपा के अधिकृत उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे यहां शिवपाल को करीब 93000 वोट हासिल हुए थे लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई थी लेकिन शिवपाल के उतरने से अक्षय यादव चुनाव हार गए |

और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चंद्र सिंह जादौन विजयी निर्वाचित हो गए। इसलिए प्रसपा को चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भाजपा की बी टीम कह कर संबेाधित किया जाने लगा । आरोपों से घिरने पर शिवपाल हमेशा यह सफाई जरूर देते है कि उनको भाजपा से कोई लेना देना नही है लेकिन वह यह कई बार स्वीकार कर चुके है कि भाजपा ने उनको पार्टी के शामिल होने का आंमत्रण दिया जिसे उन्होने स्वीकारा नही है । संसदीय चुनाव में प्रसपा की करारी हार के बाद शिवपाल लगातार सपा से गठबंधन करने की वकालत कर रहे हैं ।

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संसदीय चुनाव में करारी हार के बाद अपने बड़े भाई और समाजवादी पार्टी के संरक्षक के मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन अवसर पर सैफई में आयोजित समारोह में शिवपाल सिंह यादव ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि वह पारिवारिक एकता के लिए किसी भी तरीके के समर्पण के लिए तैयार हैं जिसको सपा ने कोई तव्वजो नही दी ।

होली,दीपावली कई ऐसे अवसर आए जिसमें शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव का आमना सामना तो हुआ लेकिन बातचीत संभव नहीं हो सकी । सैफई में ही पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव की बहन दीपाली की शादी के अवसर पर भी ऐसा माना जा रहा था कि शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच बातचीत संभव है लेकिन यह केवल चर्चाओं तक ही सीमित रह गई।

एक अगस्त को अपने निर्वाचन इलाके जसंवतनगर मे शिवपाल सिंह यादव का खुलेआम किए गए एक संबोधन की चर्चा हर ओर से इस समय होती हुई दिख रही है जिसमे उन्होने कहा कि 2022 विधानसभा मे यूपी मे किसी की भी सरकार बने पीएसपी सरकार मे शामिल होगी । शिवपाल सिंह यादव यह दोनो हाथो मे लडडू जैसा ही दिखाई दे रहा है।

शिवपाल ने कहा कि वह कभी भी फिरोजाबाद चुनाव से चुनाव मैदान में नहीं उतरते लेकिन सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव की ओर से कहा गया कि अगर शिवपाल कहीं वोट मांगने जाएंगे तो 500 से अधिक वोट नहीं मिलेंगे और अगर पूर्वी उत्तर प्रदेश में जाएंगे तो पीटे जाएंगे,इसी चेतावनी के बाद उन्होंने फिरोजाबाद संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतरना मुनासिब समझा ।

सीएम से जब चाहते हो जाती बात ,अखिलेश से साढ़े 4 साल से बात नहीं

शिवपाल यादव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जब वह चाहते हैं तो बात आसानी से हो जाती है लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से पिछले साढे 4 साल से बात करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी बात नहीं हो पा रही है। शिवपाल सिंह यादव यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने तो इतना और भी बोल दिया अपना ओर अपने समर्थको का केवल सम्मान चाहते है।

इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में अखिलेश यादव के बजाय शिवपाल सिंह यादव को उत्तर प्रदेश की राजनीति का बड़ा रणनीतिकार मानते हुए भारतीय जनता पार्टी में लेने की बात कही थी। इसके ठीक विपरीत समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनो इटावा में दीपावली के अवसर पर बोला कि समाजवादी पार्टी ने शिवपाल सिंह यादव के लिए जसवंतनगर विधानसभा की सीट छोड़ दी है अगर उत्तर प्रदेश में 2022 मे सरकार बनती है |

तो उनको कैबिनेट मंत्री बनाकर के सम्मान दिया जाएगा लेकिन शिवपाल सिंह यादव को अखिलेश यादव का यह आफर रास नहीं आया और शिवपाल सिंह यादव की तरफ से लगातार अपनी हैसियत बताते हुए कई तरीके के गंभीर बयान दिए गए जिसके बाद अखिलेश यादव आज तक एकमात्र जसवंतनगर सीट देने की ही बात हर समय कहते है।

सपा मे शिवपाल सिंह यादव की पार्टी के विलय के नाम पर अखिलेश यादव ने स्पष्ट कर दिया कि अभी विलय का नहीं गठबंधन का वक्त है लेकिन जिस तरह से सामाजिक परिवर्तन रथ तैयार कर लिया गया है उससे यह स्पष्ट होता हुआ दिख रहा है कि शिवपाल अपने भतीजे अखिलेश के समक्ष गठबंधन की पेशकश तो कर रहे हैं लेकिन भीतरी भीतरी अपनी मजबूत चुनावी तैयारी भी करने में लगे हुए है।
[13:06, 25/09/2021] +91 94121 84557: शिवपाल की सामाजिक परिवर्तन रथ, मुलायम

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