नई दिल्ली । भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास ‘शक्ति 2021’ 15 से 26 नवम्बर तक फ्रांस के फ्रेजस में होगा।इस अभ्यास में सेना की गोरखा राइफल्स इंफेन्ट्री बटालियन की एक पलाटून भारत का प्रतिनिधित्व करेगी जबकि फ्रांस की ओर से 21 वीं मेरिन इंफेन्ट्री रेजिमेंट के जवान हिस्सा ले रहे हैं।
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गोरखा राइफल्स का 68 वर्ष का गौरवशाली इतिहास है और इसके जवानों ने अपनी सैन्य बहादुरी तथा सर्वोच्च बलिदान से अमिट छाप छोड़ी है। उसने 1971 की लड़ाई में विशेष रूप से जम्मू कश्मीर में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। अभ्यास में हिस्सा लेने वाले फ्रांसीसी दस्ते का गठन 1831 में दूसरी मेरिन रेजिमेंट के रूप में किया गया था बाद में 1901 में इसे 21 वीं मेरिन रेजिमेंट का नाम दिया गया।
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इसका 120 से अधिक वर्षों का गौरवशाली इतिहास है और इसने फ्रांसीसी सेना द्वारा लड़े गये सभी प्रमुख युद्धों में हिस्सा लिया है। इस रेजिमेंट को जल तथा थल दोनों में युद्ध करने में महारत हासिल है और इसने अफ्रीका, युगोस्लाविया , अफगानिस्तान तथा माली में विशेष अभियान चलाये हैं।अभ्यास शक्ति के दौरान संयुक्त राष्ट्र के आदेश के अनुसार आतंकवाद रोधी अभियानों का प्रशिक्षण किया जायेगा
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जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच सहयोग तथा तालमेल बढाना है। दोनों सेनाओं के बीच पिछला शक्ति अभ्यास राजस्थान में महाजन फायरिंग रेंज में नवम्बर 2019 में हुआ था। दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच अभ्यास गरूड, नौसेनाओं के बीच अभ्यास वरूण और सेनाओं के बीच अभ्यास शक्ति नियमित रूप से होते रहे हैं।