बड़े डॉक्टर मरीज को दूर से ही दवा लिख देते हैं
फर्रुखाबाद – करोनाकाल मे झोलाछाप डॉ गरीबों असहाय मरीजों के लिए मददगार साबित हो रहे है यह कहना है गांव के ग्रामीणों का। जहा कोरोना काल में बड़े डॉक्टर मरीज को ना तो मरीजों को देखते हैं दूर से ही दवा लिख देते हैं सरकारी स्वास्थ्य केंद्र महीनों से बंद पढ़ें है। वहां से ना तो लोगों को दवा मिल रही है और ना ही किसी मरीज को देखा जाता है।
उत्तर प्रदेश सरकार लाखों दावा करे लेकिन फर्रुखाबाद की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है। जिले में लाखों की लागत से बनी सी एचसी और पीएचसी का हाल बहुत ही खराब है। सरकार ने ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण तो करवा दिया। लेकिन इन अस्पतालों में ना तो कोई डॉक्टर पहुंचते हैं नही दवाइयां वितरित होती हैं कभी कबार ए ऐन एम यहां पर बैठकर टीकाकरण जरूर कर देती हैं। महीनों से स्वास्थ्य केंद्र नहीं खुलने ना ही गरीबों को दबा मिल पा रही है गरीब मरीज झोलाछाप डॉक्टरों से दवा लेने को विवस हैं। अस्पतालों में फर्नीचर टूटा पड़ा है दरवाजों में ताले लटके हैं और फर्स पर धूल जमी हुई है। महीने में एक बार डॉक्टर घंटा , 2 घंटे बैठकर खानापूर्ति करके चले जाते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं विकासखंड कमालगंज के सिंगीरामपुर और गदनपुर देवराजपुर के स्वास्थ्य केंद्र की। कोरोना काल में ग्रामीण स्तर पर लोगों को क्या सुविधाएं मिल रही हैं। जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल जानने के लिए चैनल की टीम गांव पहुंची तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एनम सेंटर में ताले लगे मिले। जहां महीनों से कोई डॉक्टर नहीं आया। अस्पताल के अंदर कुत्तो ने अपना घर बना लिया है। जो मरीजों का इंतजार कर रहा है। अस्पताल परिसर में खाली शराब की बोतल पडी थी और अंदर लंबी-लंबी झाडिया खड़ी हैं ।