Saifai University can give successful treatment of corona to the world

इटावा

सैफई विश्वविद्यालय विश्व को दे सकता है कोरोना का सफल इलाज

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June 01, 2020

इटावा जल्द मिल सकती है दुनिया को कोरोना की दवा । कोरोना के सफल इलाज के लिये सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय अपने पायलट रिसर्च के सकारात्मक परिणाम के अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। रिसर्च पूरी तरह भारत के आयुर्वेद पर आधारित है । विश्वविद्यालय ने अपनी नवीन दवा द्वारा कोरोना के मरीजों को मात्र एक सप्ताह में ठीक करने में सफलता प्राप्त की है । विश्वविद्यालय के कुछ और प्रयोग जल्द सफल हो गए तो भारत पूरे संसार को कोरोना महामारी से निजात दिलाने में सफल होगा ।कोरोना के नवीन रिसर्च के बारे में सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजकुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में कोरोना वायरस और कोविड के मरीजों पर लगातार रिसर्च भी किया जा रहा है।

विश्वविद्यालय द्वारा कोविड-19 के मरीजों के इलाज में आयुर्वेदिक दवाओं के परिणाम के लिए एक पायलट स्टडी किया जा रहा है जिसमें की राज निर्वाण बूटी (आरएनबी) जो कि 12 आयुर्वेदिक संघटकों का प्यूरिफाइड समिश्रण है, को कोविड-19 से प्रभावित माडरेट और सीवियर सिम्टम वाले मरीजों में साइन्टिफिक रिसर्च के प्रोटोकाॅलों का अनुपालन करते हुए आजमाया गया जिसके काफी सकारात्मक परिणाम मिले हैं। डा0 राजकुमार ने इस महत्वपूर्ण रिसर्च के बारे में बताया कि शीध्र ही इस महत्वपूर्ण रिसर्च को देश के सामने लाया जायेगा। पूरे विश्व में कोरोना पर अभी किसी प्रकार की दवा इजाद नहीं हुई है। देश में कोविड-19 आने के साथ ही विश्वविद्यालय ने कोराना के सम्बन्ध में रिसर्च करना शुरू कर दिया। इसमें सबसे पहले यह देखा गया कि कोरोना शरीर के किन-किन हिस्सों पर पहले अटैक करता है जिसकी वजह से कोविड मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। इसके बाद प्राचीन चिकित्सा की उन दवाओं को छाॅटा गया जो इन सिस्टम के लिए कारगर है। इसके पश्चात् इन प्राचीन दवाओं पर आधुनिक चिकित्सा में हुए शोधों को देखा गया। इस बात का विशेष ध्यान दिया गया कि कोरोना शरीर के किन भागों पर अटैक करता है, और प्राचीन चिकित्सा में कौन सी दवायें हैं जो इन जगहों को प्रोटेक्ट कर सकती हैं। इस महत्वपूर्ण रिसर्च के लिए विश्वविद्यायल द्वारा विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य की मदद भी ली गयी।

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इसके बाद विश्वविद्यालय के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती 103 मरीजों में से 20 मरीजों का चयन किया गया जिनमें कोरोना के अधिकांश लक्षण दिख रहे थे। इसके बाद इथिकल क्लियरेंस लेने के बाद इन 20 मरीजों पर रिसर्च क्लिनिकल ट्रायल डाक्यूमेंट्री प्रूफ के साथ शुरू किया गया। इस आयुर्वेदिक दवा का सकारात्मक परिणाम भी आने लगा। ये सभी 20 मरीज 05 से 07 दिनों में ठीक होने लगे। इस दवा का नाम राज निर्वाण बूटी (आरएनबी) रखा गया जिसकी 125 मिली ग्राम मात्रा 05 मिलीग्राम शहद के साथ दी जाती है। इस ट्रायल को आगे भी 20 अन्य करोना पाॅजिटिव मरीजों पर किया जा रहा है। यदि यह ट्रायल भी सही रहा तो यह माना जायेगा कि भारत ने कोरोना का ट्रीटमेंट खोज लिया है। इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल में भी प्रकाशित करवाया जा रहा है।ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय द्वारा अब तक 85 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर डिसचार्ज किये जा चुके हैं। इन सभी मरीजों का एलोपैथिक इलाज के साथ ही सदियों से प्रचलित आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से भी किया गया। इन सभी मरीजों को राज निर्वाण काढ़ा (आरएनके) भी दिया गया। इस काढ़े के कोरोना मरीजों एवं हेल्थ केयर वर्कस पर सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इसे देशभर में अपनाया गया है

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