मथुरा। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में साध्वी ऋतंभरा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता और साध्वी के 60वें जन्मदिवस पर राम मंदिर का अस्तित्व में आना उनके लिये अमूल्य उपहार है।उन्होंने कहा कि इस मन्दिर को बनाने में साध्वी ऋंतंभरा के योगदान को भुलाया नही जा सकता । उनके प्रेरणादायक व्याख्यानों ने राम मन्दिर आंदोलन को धार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वात्सल्य ग्राम वृन्दावन में साध्वी ऋतंभरा के षष्ठी पूर्ति महोत्सव में उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पता है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मन्दिर को अस्तित्व में लाने के लिए कितना संघर्ष किया गया था।
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मन्दिर का ताला खोलने की मांग राम मन्दिर के प्रणेता अशोक सिंघल के नेतृत्व में की जा रही थी तथा मन्दिर का ताला 1986 में खुल गया था। यहां मौजूद संतों ने इस आंदोलन को धार देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी तथा 22 जनवरी को जब वे आयोध्या में होंगे तो उन्हें मन्दिर के अस्तित्व में आने पर बहुत सुखद अनुभूति होगी। श्री मौर्य ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन के समय अयोध्या से राम ज्योति यात्रा निकाली गई थी जिसमें हर गांव में जाकर ज्योति से ज्योति जलाने का आह्वान किया गया था। इसे रोकने के लिए प्रशासन ने बहुत तरीके अपनाए थे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने शनिवार को अयोध्या में संपन्न कार्यक्रम में तीन बातों के लिए आह्वान किया था।
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उन्होंने कहा था कि सभी देशवासी अयोध्या के 22 जनवरी के कार्यक्रम में शामिल नही हो सकते इसलिए वे अपने गांव को अयोध्या और गांव के मन्दिर को राम मन्दिर मानकर पूजन करें तथा 14 जनवरी से 22 जनवरी तक धार्मिक स्थलों एवं मन्दिरों में सफाई अभियान चलाएं।
इस अवसर जय श्रीराम के नारे लगाते हुए उपस्थित समुदाय ने मौर्य को भरोसा दिलाया कि वे प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित किये गए कार्यों को पूरे मनोयोग से करेंगे। मौर्य ने इस अवसर उपस्थित सभी संतों का आशीर्वाद भी लिया।