लखनऊ । समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में जाति आधारित जनगणना को लेकर गुरुवार को हंगामा किया और नारेबाजी की जिसके कारण सदन की कार्यवाही 35 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी। प्रश्नकाल के दौरान सपा सदस्य संग्राम सिंह ने सरकार से जानना चाहा कि जाति आधारित जनगणना पिछली बार कब कराई गई थी और क्या लोकसभा चुनाव से पहले कराई जाएगी। सरकार की ओर से सवाल के जवाब में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक जनगणना केंद्र सरकार का काम है और इसमें राज्य सरकार फिलहाल कोई भूमिका नहीं है।
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एक पूरक प्रश्न में संग्राम सिंह ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि असमानता का एक बड़ा अंतर है क्योंकि एक प्रतिशत लोगों के पास 40.5 प्रतिशत संसाधन हैं और 50 प्रतिशत लोग तीन प्रतिशत संसाधनों से अपनी आजीविका चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जाति आधारित जनगणना की जा रही है। इसका जवाब देते हुए श्री शाही ने कहा कि यूपी बहुत आगे निकल चुका है।
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हम यूपी को रिवर्स गियर में नहीं ले सकते। हम इसे बिहार में नहीं ले जाना चाहते, जहां अराजकता, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद है। हम ‘सबका साथ, सबका विकास,सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूलमंत्र के साथ उत्तर प्रदेश को देश का सबसे अच्छा राज्य बनाना चाहते हैं।
जवाब से असंतुष्ट शिवपाल सिंह यादव के नेतृत्व में सपा विधायक नारेबाजी करते हुए सदन के वेल में आ गए।
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विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपनी बेंच पर लौट आएं और अन्य सदस्यों को अपने प्रश्न पूछने दें, लेकिन सपा सदस्य नारेबाजी करते रहे, जिसके कारण सदन को शुरू में 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया, जिसे बाद में दोपहर 12.20 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया।