- गड्ढों में पैचवर्क लेकिन सड़कों के घाव फिर ताजा
- गढ्ढा मुक्त सड़कें सरकार का नारा खोखला साबित
फर्रुखाबाद। पता ही नहीं चलता गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढा है। कोई भी मार्ग ले लीजिए अपनी किस्मत पर आँसू बहाता मिलेगा। जाम से जूझते नगर में कुछ भी ठीक नहीं है। कुछ दिन पूर्व गड्ढों पर पैचवर्क कराया गया था, लेकिन सड़कों के घाव फिर ताजा हो गए हैं।
यह भी देखें : डेंगू के नाम पर मेडिकल स्टोर वाले तक बन गए डाक्टर
फर्रुखाबाद से कायमगंज जाना हो तो भी आपको गड्ढेदार सड़कों से गुजरना होगा। फर्रुखाबाद से हरदोई जाना हो तब भी स्थिति यही है। सड़कें बनती भी हैं तो दो तीन माह में ही जख्मी हो जाती हैं।उचित देखरेख के अभाव में सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं और जैसे ही बारिश होती है, ये गड्ढ़े में तब्दील ये सड़क हादसे का कारण बन जाते हैं।
यह भी देखें : प्रियंका गाँधी का बड़ा ऐलान,विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 40 प्रतिशत सीट
चूंकि बारिश होने के बाद सड़क पर पानी भर जाता है, जिससे सड़क पर बने गड्ढे नहीं दिखते हैं। रात के समय स्थिति और भी भयावह हो जाती है। ऐसे में सबसे अधिक परेशानी वाहन चालकों को होती है। अंधेरे में कई बार हादसे का शिकार हो चुके हैं। ऐसी सड़क पर वाहन चलाते समय जान हमेशा सांसत में रहती है। योगी सरकार के बनते ही प्रदेश में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान चला। सरकार ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का खूब ढिढोरा पीटा। कहीं यह दावे पूरे हुए ओर कहीं कागजों में सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया गया।
यह भी देखें : फर्रुखाबाद में भी खाद की भारी किल्लत,
शासन की मंशा भले ही सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने की हो लेकिन नगर के सातनपुर आलू मंडी मार्ग पर ये मंशा पूरी होती नहीं दिखाई दे रही है। लोगों को कहना है कि पूरी सड़क पर ये समझ ही नहीं आता कि सड़क पर गढ्डे हैं या गढ्डे पर सड़क बनी हुई है।