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नारकीय जीवन जीने को विवश चिरैय्यापुर के बाशिंदे

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नारकीय जीवन जीने को विवश चिरैय्यापुर के बाशिंदे

नारकीय जीवन जीने को विवश चिरैय्यापुर के बाशिंदे

  • गांव में सड़कों पर जलभराव ,जगह जगह लगे कूड़े के ढेर
  • गांव का सरकारी तालाब पड़ा सूखा लोगों ने किया अवैध कब्जा

फफूंद । प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों और उनसे जुड़े मजरों के कायाकल्प के लिये तमाम विकास की योजनाएं चला रही है । लेकिन सरकार की इन योजनाओं को प्रधान और सचिव पलीता लगाने में लगे हैं । सरकारी पैसे का बंदरबांट कर अपनी जेबें भरने के चक्कर में ग्रामीणों को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है । गुरुवार को विकास खण्ड भाग्यनगर की ग्राम पंचायत खोयला के मजरा ग्राम चिरैय्यापुर में तेजस खबर की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने गांव की सड़कों पर जलभराव बिजबीजाती नालियां तथा जगह जगह लगे कूड़े के ढेर को दिखाया तो वहीं सरकारी तालाब को भी दिखाया जो बिल्कुल सूखा पड़ा है जिस पर लोगों ने अवैध कब्जा भी कर रखा है । ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से गांव की जांच कराकर ग्रामवासियों की समस्याओं को दूर कराये जाने की मांग की है ।

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विकास खण्ड भाग्यनगर की ग्राम पंचायत खोयला के मजरा चिरैय्यापुर के बाशिंदे नारकीय जीवन जीने को विवश हैं । गांव में जगह जगह लगे कूड़े के ढेर और बिजबिजाती नालियां सड़कों पर भरा गन्दा पानी से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । गांव में प्रवेश करते ही खरंजा सड़क खराब हो गयी है जिससे पानी की निकासी न होने के कारण जगह जगह जलभराव होने से ग्रामीणों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वहीं गन्दे पानी से उठती दुर्गंध और मच्छरों के आतंक से भी ग्रामीण परेशान हैं । गांव के अंदर कई छोटी छोटी गलियां ऐसी हैं जिनमें जलभराव होने से बड़ी बड़ी घास उग आने से उन गलियों से लोगों ने निकलना बंद कर दिया है ।

गांव में सड़कों पर जलभराव ,जगह जगह लगे कूड़े के ढेर

गांव में सड़कों पर जलभराव ,जगह जगह लगे कूड़े के ढेर

ग्रामीणों का कहना था कि अभी सड़कों पर पानी कम है बरसात में यहां स्थित बहुत खराब हो जाती है । पानी की सही निकासी न होने से नाली का पानी सड़कों पर भरा रहता है । गांव में सफाईकर्मी न होने से ग्रामीण सड़कों व नालियों की सफाई स्वयं ही करते हैं । गांव में सड़कें तो तालाब बनी हुई हैं लेकिन गांव का तालाब सूखा पड़ा हुआ है जिस पर लोगों ने कंडे की बिठाइयाँ आदि बनाकर अवैध कब्जे भी कर लिये हैं । जहां एक ओर प्रदेश सरकार अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलवाकर उन्हें कब्जा मुक्त करा रही है वहीं यहां सरकारी तालाब पर खुलेआम लोग कब्जा किये हुये हैं । शायद ग्राम प्रधान ,सचिव और लेखपाल की नजर इधर नहीं गयी है । जहां भीसड पड़ रही गर्मी में तालाबों को भरने के आदेश हो चुके हैं वहीं ये तालाब बिल्कुल सूखा पड़ा हुआ है ।

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ग्रामीण विनोद कुमार कुशवाहा, नाथूराम पाल, राज श्री ,श्री कृष्ण कुशवाहा, रजनी, सर्वेश सिंह पाल,पप्पू पाल, सुरेंद्र राठौर , दुर्गेश कुमार कुशवाहा  आदि ने बताया कि इस मजरा गांव की आबादी लगभग 3600 और वोटिंग लगभग 900 है । चुनाव के समय प्रधान पद के उम्मीदवार इस गांव में आकर बड़े बड़े वादे और दावे करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद प्रधान इस मजरा गांव की तरफ नहीं देखता है जिसके चलते गांव में कोई विकास नहीं हो पाता है । ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से गांव में जांच कराकर जलभराव की समस्या से निजात दिलाये जाने तथा सूखा पड़ा तालाब में पानी भरवाए जाने   की मांग की है ।

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