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सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस व कोविड के मरीजों पर रिसर्च जारी…

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  • कोरोना वायरस के संक्रमण को समझने और इलाज में मिलेगी मदद
  • रिसर्च महत्वपूर्ण शीघ्र इसे देश के सामने लाया जाएगा: कुलपति
  • चिकित्सा विश्वविद्यालय से कुल 83 कोरोना पाॅजिटिव मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज  – कुलपति

शिवम दुबे, इटावा: सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस व कोविड-19 के मरीजों पर लगातार रिसर्च किया जा रहा है।इस चिकित्सा विश्वविद्यालय से अब तक 83 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर विश्वविद्यालय द्वारा डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। वर्तमान में कुल 09 मरीज कोविड-19 अस्पताल में भर्ती हैं। इन सभी का इलाज मेडिकल टीम द्वारा किया जा रहा है।
यह जानकरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार ने दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में कोरोना वायरस और कोविड के मरीजों पर लगातार रिसर्च भी किया जा रहा है। इन महत्वपूर्ण शोध कार्यों को कई राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित जर्नल में पब्लिश भी किया जा रहा है। अभी तक लगभग 15 रिसर्च पेपर या तो पब्लिश हो चुके हैं या पब्लिश होने की प्रक्रिया में शामिल हैं। इन शोध कार्यों से कोरोना वायरस के संक्रमण को समझने में, मरीजों के इलाज आदि में मदद मिलेगी और राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बनाये जा रहे गाइड लाइन्स पर इन शोध कार्यों का सकारात्मक प्रभाव पडे़ेगा।

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विश्वविद्यालय द्वारा कोविड-19 अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज में अपनाये गये ‘‘हाॅलिस्टिक अप्रोच‘‘ के सकारात्मक परिणाम मिले हैं तथा इन्हें देश के अन्य अस्पतालों द्वारा भी सफलतापूर्वक अपनाया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा कोविड-19 के मरीजों के इलाज में आयुर्वेदिक दवाओं के परिणाम के लिए एक पायलट स्टडी किया जा रहा है जिसमें की राज निर्वाण बूटी (आरएनबी) जो कि 12 आयुर्वेदिक संघटकों का प्यूरिफाइड सम्मिश्रण है, को कोविड-19 से प्रभावित माडरेट और सीवियर सिम्टम वाले मरीजों में साइन्टिफिक रिसर्च के प्रोटोकाॅलों का अनुपालन करते हुए आजमाया गया जिसके काफी सकारात्मक परिणाम मिले हैं। शीध्र ही इस महत्वपूर्ण रिसर्च को देश के सामने लाया जाएगा। ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय द्वारा अबतक 83 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर डिसचार्ज किये जा चुके हैं। इन सभी मरीजों का एलोपैथिक इलाज के साथ ही सदियों से प्रचलित आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से भी किया गया। इन सभी मरीज को राज निर्वाण काढ़ा (आरएनके) भी दिया गया। इस काढ़े के कोरोना मरीजों एवं हेल्थ केयर वर्कस पर सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इसे देशभर में अपनाया गया है।

सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजकुमार

विश्वविद्यायल के संकायाध्यक्ष डा0 आलोक कुमार ने बताया कि सभी फैकेल्टी मेम्बरस द्वारा कोरोना वायरस से सम्बन्धित शोध कार्यों को प्रतिष्ठित जर्नल में शीध्र प्रकाशित करने की प्रक्रिया चल रही है। सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय कोरोना वायरस के बेहतरीन इलाज के साथ ही सम्बन्धित रिसर्च कार्यो द्वारा इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।

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