पुनर्निर्मित ‘मंथन’ फिल्म 50 शहरों में होगी रिलीज

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पुनर्निर्मित ‘मंथन’ फिल्म 50 शहरों में होगी रिलीज

By Tejas Khabar

May 30, 2024

आणंद। देश के 50 शहरों में पुनर्निर्मित ‘मंथन’ फिल्म एक और दो जून को रिलीज होगी। अमूल के एमडी डॉ. जयेन मेहता ने बुधवार को यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि हाल ही में आयोजित कान्स फिल्म फेस्टिवल-2024 में श्याम बेनेगल की पुनःस्थापित ‘मंथन’ फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर शानदार और सफलतापूर्वक आयोजित हुआ था। इसके बाद अब गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (अमूल) और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन, पीवीआर-आईएनओएक्स लिमिटेड और सिनेपोलिस इंडिया में एक और दो जून को भारतभर के 50 शहरों और 100 सिनेमाघरों में यह फिल्म रिलीज कर रहे हैं।

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मेहता ने कहा,‘‘भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनाने में ‘मंथन’ फिल्म का बहुत बड़ा योगदान है। अमूल मॉडल की प्रतिकृति के लिए इस फिल्म के माध्यम से उत्पन्न जागरूकता ने पूरे देश में डेयरी सहकारी आंदोलन को संगठित करने पर बड़ा प्रभाव डाला। सहकारी मॉडल आज भी प्रासंगिक बना हुआ है, क्योंकि भारत शायद दुनिया का एकमात्र देश है, जिसके पास सहकारिता मंत्रालय है, जिसका दृष्टिकोण सहकारी समितियों के माध्यम से सभी क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करना है। 1976 में दस लाख रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने वार्षिक दस लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन मूल्य उत्पन्न करने में बहुत मदद की है।”

उन्होंने कहा ‘मंथन’ फिल्म श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीस कुरियन से प्रेरित, एक असाधारण डेयरी सहकारी आंदोलन की शुरुआत का एक काल्पनिक संस्करण है, जिसने भारत को दूध की कमी वाले देश से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश में बदल दिया। विशेष रूप से, ‘मंथन’ दुनिया की पहली क्राउडफंडेड फिल्म है, जो गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) के 500,000 डेयरी किसानों द्वारा निर्मित है, जिन्होंने फिल्म के निर्माण के लिए प्रत्येक ने दो रुपये का योगदान दिया है। इस फिल्म में गिरीश कर्नाड, नसीरुद्दीन शाह, स्मिता पाटिल, डॉ. मोहन अगाशे, कुलभूषण खरबंदा, अनंत नाग और आभा धूलिया जैसे कई बेहतरीन कलाकारों ने भूमिका निभाई थी। ‘मंथन’ की शूटिंग प्रसिद्ध छायाकार और निर्देशक गोविंद निहलानी ने की थी और इसका संगीत प्रसिद्ध संगीतकार वनराज भाटिया ने तैयार किया था।

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श्याम बेनेगल ने कहा, “कान्स फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर के दौरान ‘मंथन’ के पुन:स्थापन को मिली शानदार प्रतिक्रिया के बारे में सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई। लेकिन मुझे इस बात की और भी खुशी है कि, बहाल की गई यह फिल्म देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। ‘मंथन’, मेरी फिल्मों में से एक की पहली पुनर्स्थापना होगी, जो सिनेमाघरों में रिलीज होगी। 1976 में जब ‘मंथन’ रिलीज़ हुई, तो यह एक बड़ी सफलता थी क्योंकि किसान स्वयं छोटे शहरों और गांवों से बैलगाड़ियों में यात्रा करके बड़ी संख्या में फिल्म देखने आए थे। मुझे उम्मीद है कि 48 साल बाद जब इस पुनर्स्थापित फिल्म इस जून में बड़े पर्दे पर वापस आएगी, तो भारतभर से लोग फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर जरूर आएंगे।”

नसीरुद्दीन शाह ने कहा,“कान्स फिल्म फेस्टिवल में इसके प्रीमियर पर पुनर्निर्मित ‘मंथन’ को देखना मेरे लिए एक बहुत ही भावनात्मक अनुभव था। मैं लगभग पचास वर्ष पहले की यादों से अभिभूत हो गया था, जब सिनेमा परिवर्तन का माध्यम था और अंत में खड़े होकर तालियां बजाने से मेरी आंखों में आंसू आ गए। ऐसा सिर्फ मेरे लिए ही नहीं था, बल्कि उस फिल्म के लिए भी था जो पुनर्निर्माण की खूबसूरती के साथ समय की कसौटी पर भी खरी उतरी है। मुझे खुशी है कि यह फिल्म पूरे भारत में सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है और मुझे उम्मीद है कि लोग बड़े पर्दे पर एक ऐतिहासिक फिल्म देखने का मौका नहीं खोएंगे। मैं खुद भी फिल्म देखने के लिए थिएटर जाऊंगा।”

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गोविंद निहालानी ने कहा,“‘मंथन’ के पुनर्निर्माण में शामिल होने और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा पुनःस्थापना संभव हो सके उतनी सच्ची है, यह सुनिश्चित करने के लिए कई महीनों तक किए गए अथाह प्रयासों को देखने के बाद, मैं इस फिल्म को देखने के लिए बहुत उत्सुक हूँ। इस फिल्म को बड़े पर्दे पर वापस देखने के लिए और श्याम और मैंने लगभग पचास साल पहले जिसकी कल्पना की थी, उसे फिर से जीवंत होते देखने के लिए और इंतजार नहीं कर सकता।’’

शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने कहा,“जब फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन किसी फिल्म की पुनर्स्थापना का काम करता है तो उसका अंतिम उद्देश्य उसे जनता के सामने वापस लाना होता है, जिसके लिए वह बनाई गई थी। 500,000 किसानों द्वारा वित्तपोषित, ‘मंथन’ जनता द्वारा जनता के लिए बनाई गई फिल्म है और हम जानते थे कि यह जरूरी है कि, पुनर्स्थापित फिल्म को बड़े पर्दे पर दिखाया जाए ताकि वह ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंच सके। मुझे बहुत खुशी है कि मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े महानगरों से लेकर धारवाड़, काकीनाडा, नाडियाद, भटिंडा, पानीपत और कोझिकोड जैसे छोटे शहरों तक के दर्शकों को खूबसूरती से पुनर्निर्मित फिल्म देखने का अवसर मिलेगा।”