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रामचरित मानस को पढ़कर स्वयं भगवान राम के चरित्रों का अनुसरण करे__ जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य

रामचरित मानस को पढ़कर स्वयं भगवान राम के चरित्रों का अनुसरण करे__ जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य

दिबियापुर। यदि मनुष्य राम को पाना चाहता तो रामचरित मानस को पढ़कर स्वयं भगवान राम के चरित्रों को अनुसरण कर अपने चरित्र का निर्माण कर सकता है। रामचरित मानस की कथा इसलिए सुनी जाती है जिससे लड़कों और लड़कियों के चरित्र का निर्माण हो सके। मां जब रामायण पढ़ेगी, तब वह अपने बच्चों को शिक्षा दे पाएगी। यह प्रवचन श्री विष्णु धाम में चल रही श्रीराम कथा में कामतानाथ मंदिर चित्रकूट के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य ने किया।

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इस दौरान इटावा लोक सभा क्षेत्र के सांसद प्रो डाक्टर रामशंकर कठेरिया,भाजपा जिलाध्यक्ष श्री राम मिश्रा,दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष राघव मिश्रा, अजीतमल के ब्लॉक प्रमुख रजनीश दीक्षित,भाजपा जिला महामंत्री कौशल राजपूत,जिला महामंत्री धीरेंद्र गौर,समाजसेवी कमलेश अवस्थी,भाजपा किसान मोर्चा के प्रांतीय सदस्य आसाराम राजपूत, क्षेत्रीय मंत्री अवधेश शुक्ला, भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ जिला संयोजक राजेश कुमार अग्निहोत्री,धीरज शुक्ला,मंडल उपाध्यक्ष सौरभ राजपूत,विनीत त्रिवेदी ने भी पहुंचकर कथा सुनी और जगद्गुरु का आशीर्वाद भी लिया। आयोजक उमेश प्रकाश ने बताया कि शनिवार को श्री राम कथा का विश्राम हो जाएगा। इसके बाद श्रीमद्भागवत कथा शुरू हो जाएगी।

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