Rail tracks submerged in water, speed of trains stopped, then see what the railway and irrigation department did

इटावा

पानी में डूबी रेल पटरियां,थम गई ट्रेनों की रफ्तार, फिर देखिए रेलवे और सिंचाई विभाग ने क्या किया

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April 13, 2021

इटावा। खबर इटावा से है, यहां के भरथना रेलवे स्टेशन के निकट ओवरफ्लो माइनर का पानी रेलवे ट्रैक पर गया। इससे पटरियां पानी में डूब गई। इससे रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। किसी भी तरह की घटना से बचाव के लिए ट्रेनों को धीमी गति से पास कराया गया। बाद में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर माइनर का कचड़ा साफ कराया तब जाकर स्थति सामान्य हुई। दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर भरथना रेलवे स्टेशन के निकट मोती मंदिर लंगुर की मठिया ओवरब्रिज के नीचे कन्धेसी माइनर पर बने साइफन में सोमवार सुबह सवा पांच बजे कचड़ा फस जाने से साइफन चोक हो गई। जिसके कारण माइनर का पानी ओवरफ्लो हो कर रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया और माइनर का पानी रेल पटरियों के ऊपर से गुजरने लगा। इस घटना की सूचना से रेल प्रसाशन व सिंचाई विभाग में हड़कंप मच गया।

आनन फानन दोनों विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंचे और सबसे पहले रेल प्रसाशन ने ट्रैक पर दौड़ती ट्रेनों के संचालन को कॉशन लगाकर धीमी गति से कराया वहीं सिचाई विभाग के अधिकारियों ने जेसीबी मशीन मंगाकर साइफन में फंसे कचड़े को वाहर निकाल माइनर के पानी को दुरुस्त किया, जिसके बाद रेलवे ट्रैक पर भरा पानी माइनर के रास्ते निकलना शुरू हो सका।रेल प्रसाशन ने इस घटना को सिंचाई विभाग की अनदेखी और लापरवाही बताया है। वहीं सिचाई विभाग के अधिकारियों ने आम जनता व किसानों को दोषी मानते हुए माइनर में कचड़ा फेकने का आरोप लगाया है।सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मुकेश कुमार देव ने बताया कि माइनर में कचरा जमा होने से माइनर का पानी ओवरफ्लो हो गया था। किसानों ने अपने गेहूं की फसल काटने के बाद उसका कचरा माइनर में डाल दिया,जिससे माइनर पर रेलवे ट्रैक के नीचे बनी पुलिया चोक हो गई थी,जिसको जेसीबी से साफ कराया गया है, रुके हुए पानी का संचालन शुरू हो गया है।

रेलवे अधिकारी वीके भारद्वाज एडीएन,रेलवे इटावा ने बताया कि रेलवे ट्रैक के नीचे से यह माइनर निकला है, माइनर काफी दिनों से बंद था। अचानक से पानी छोड़ा गया और यह माइनर कॉलोनी के बीच से निकली है तो इसमें कचरा भी इखट्टा था एक साथ पानी कचरे को ले आया,जिसकी वजह से माइनर ओवरफ्लो होकर पानी रेलवे ट्रैक पर बहने लगा। उन्होंने बताया लगभग आधा दर्जन ट्रेनों को कॉशन लगाकर धीमी गति से निकाला गया है। रेलवे यातायात प्रभावित तो हुआ है पर पूरी तरह बंद नहीं हुआ था। धीमी गति से यातायात संचालित रहा।