अपराधी विकास दुबे से कानपुर में हुई मुठभेड़ में शहीद औरैया के लाल राहुल की पैतृक गांव रुरुकलां में बेहद गमगीन माहौल में हुई अंत्येष्टि
औरैया। जब तक सूरज चांद रहेगा, राहुल तेरा नाम रहेगा। इस जयकारे के बीच शनिवार सुबह औरैया जिले के गांव रुरुकलां के लोगों ने अपने वीर लाल राहुल को अंतिम विदाई थी। कानपुर नगर के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए वीर सिपाही राहुल के अंतिम दर्शन के लिए मानो पूरा गांव उमड़ पड़ा। गमगीन माहौल में शहीद राहुल का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
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इससे पहले शुक्रवार रात 9:15 बजे शहीद राहुल का शव पुलिस के विशेष वाहन से पैतृक गांव रुरुकलां स्थित घर पर लाया गया। तो शहीद की याद में जयकारे लगने लगे। सोशल डिस्टेंस की परवाह न करते हुए गांव के लोग शहीद के घर पर इकट्ठे हो गए। हर किसी को गांव के लाल के अंतिम दर्शन करने थे। यहां शहीद के पार्थिव शरीर को सुबह के इंतजार में रखा गया।
शहीद की मां शीला देवी, पत्नी दिव्या, बहन नंदिनी,भाई रवि व राकेश उसके शव से लिपट कर रो रहे थे। दरोगा के पद से रिटायर हुए पिता ओम कुमार, ताऊ गेंदालाल चाचा हरि दिवाकर, चचेरे भाई विपिन आदि के भी आंसू रुक नहीं रहे थे। शनिवार सुबह से ही अधिकारियों जनप्रतिनिधियों वाह आसपास के गांवों से लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था।
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यहां जनप्रतिनिधियों और पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद राहुल के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाए। गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जयघोष के बीच गांव के पास ही परिवार की निजी जमीन पर शहीद का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया।
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अंत्येष्टि से पहले राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत, औरैया सदर के विधायक रमेश दिवाकर, जिलाधिकारी अभिषेक सिंह, पुलिस अधीक्षक सुनीति, पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित, मुकेश प्रताप सिंह समेत क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ,अधिकारियों व ग्रामीणों ने शहीद राहुल के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।