- डीएम को ज्ञापन देकर बोले तकनीकी सहायक मनरेगा में भ्रष्टाचार की जड़
- तकनीकी सहायकों का स्थानांतरण किए जाने की मांग
इटावा। मनरेगा योजना में करीब 14 वर्ष पूर्व संबिदा पर तकनीकी सहायकों की नियुक्ति की गई थी। इनको मनरेगा कार्यों की एमबी करनी होती है, जो मनरेगा कार्यों के भुगतान पूर्व की एक प्रक्रिया है। जिले की 471 ग्राम पंचायतों के लिए लगभग 45 तकनीकी सहायक संविदा पर एक ही विकास खंड में 14 वर्ष से तैनात हैं। जिस कारण पारदर्शिता का स्तर निचले स्तर पर पहुंचा गया है। जिससे भृष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है और विकास कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है।
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जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में अधिवक्ता जन सरोकार परिषद के अध्यक्ष आशुतोष दीक्षित एडवोकेट ने कहा कि लंबे समय से एक ही ब्लॉक में जमे तकनीकी सहायकों का तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित किया जाए। मनरेगा में सामग्री की आपूर्ति करने वाली फर्मों का भौतिक सत्यापन हो, औचक निरीक्षण किया जाए तथा संपत्तियों की जांच की जाए।
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इससे मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता आएगी तथा ग्रामीण विकास के धन का सही उपयोग हो पाएगा । ज्ञापन देनें में गोविंद चतुर्वेदी एडवोकेट, नरेंद्र कुमार पाल एडवोकेट, डॉ राजीव कुमार त्रिपाठी एडवोकेट,आशुतोष पालीवाल एडवोकेट, पवन कुमार मिश्रा एड ,अक्षय राज भदौरिया एडवोकेट, हरिराम माथुर एडवोकेट ,प्रशांत दुबे एडवोकेट, पवन कुमार मिश्रा एडवोकेट , विष्णु कुमार मिश्रा एडवोकेट भी शामिल रहे।
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