- पर्यावरणविदों ने नमामि गंगे से प्रेरणा लेने का किया आव्हान, तालाबों को बचाना हमारा दायित्व
इटावा। नमामि गंगे अभियान के तहत शहर में विभिन्न जल भू-जल स्त्रोतों के लिए महत्वपूर्ण नदियों को प्रदूषणमुक्त कर उन्हें शुद्ध रखने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए प्रसिद्ध पर्यावरणविद डाॅ. राजीव चैहान ने बताया कि नमामि गंगे का आरंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ गंगा की स्वच्छता के लिए चलाया था बल्कि उन्हें संभावनाएं नजर आईं थीं कि इस अभियान के तहत हमारी गंगा नदी ही नहीं वरन् उसकी सहायक नदियांॅ भी प्रदूषण से मुक्त हो सकेंगीं।
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इसके लिए सरकारों न बजट भी दिया, परंतु आत्मज्ञान के अभाव में इसमें बाधाएं उत्पन्न होतीं रहीं। बावजूद इसके अभियान को गति भी मिलती रही। उन्होंने बताया कि जलशक्ति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीष गंगा सुरक्षा अभियान का मिशन आज भी जोर-शोर से अनवरत जारी है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल पानकुंवर इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल डाॅ. कैलाश यादव ने कहा कि पूर्व में गंगा सहित अन्य सहायक नदियों में सफाई अभियान चलाया गया था। ताकि गंगा व यमुना से जुड़े शहरों को भी स्वच्छ रखा जा सके।
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हमारा प्रयास होना चाहिए कि इन नदियों में नालों का गंदा एवं प्रदूषित पानी पहुंचने से रोका जा सके। यह सिर्फ सरकारों का ही दायित्व नहीं बल्कि प्रत्येक इंसान का फर्ज है। इससे अभिप्रायः है कि प्राकृतिक जल स्त्रोत के माध्यम तालाबों को बचाया जा सके, जिससे कि भू-जल स्त्रोतों में लगातार हो रही गिरावट को भी रोका जा सके। इस मौके पर क्षेत्रीय वन अधिकारी डाॅ. शिवप्रसाद, वर दरोगा अनिल चैहान, ताविश अहमद, वन रक्षक संतोष कुमार आदि भी उपस्थित रहे।