- बांदा और जालौन जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम भी शुरू
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जालौन जिले के मुख्यालय उरई के निकट उरई तहसील के कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे। प्रधान मंत्री कार्यालय के अनुसार, सरकार देश भर में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसकी एक प्रमुख विशेषता सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार की दिशा में काम करना है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास प्रधानमंत्री द्वारा 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण की आधारशिला रखना था। एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया है और अब इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपए की लागत से 296 किलोमीटर फोर-लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण किया गया है और बाद में इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है।
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यह चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में एनएच-35 से इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है। यह चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा सहित सात जिलों से होकर गुजरती है। क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के लिए हजारों नौकरियों का सृजन होगा। पीएमओ ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के बगल में बांदा और जालौन जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम शुरू हो चुका है। क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के लिए हजारों नौकरियों का सृजन होगा। उदघाटन के साथ हीशनिवार से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से गाड़ियां फर्राटा भरेंगी।