Tejas khabar

पीएमएसएमए दिवस पर हुई गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच

कानपुर नगर: मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से जिला महिला अस्पताल सहित स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएसए) दिवस मनाया गया । इसके तहत गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (हाई रिस्क प्रेगनेंसी) की पहचान, पोषण, परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के चयन के बारे में काउंसलिंग की गई। इसके साथ ही कोविड-19 से बचाव के लिये जारी किए गए प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य ) डॉ एके सिंह का कहना है कि मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के जरिए परिवार नियोजन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। डॉ सिंह ने बताया कि हर माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती के लिये जांच शिविर लगाया जाता है।

यह भी देखें…923 गर्भवती की हुई प्रसव पूर्व जांच

जनपदीय मातृ स्वास्थ्य एवं शिशु स्वास्थ्य सलाहकार हरिशंकर मिश्रा ने बताया कि बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कल्याणपुर में करीब 58 गर्भवती की रक्त, यूरिन, ब्लड प्रेशर एवं वजन इत्यादि की जांच हुई। जिनमें 2 गर्भवती को उच्च जोखिम की श्रेणी में रखा गया। उन्हें आयरन, कैल्शियम की गोलियों सहित आवश्यक दवाएं भी दी गईं। इसके साथ ही गर्भवती को कोविड-19 से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि जिला महिला अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य इकाईयों में भी दूसरे व तीसरे त्रैमास की सभी गर्भवती की जाँच हुईं। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक अविनाश यादव, बीपीएम आदर्श राज, बीसीपीएम सुरुचि तिवारी सहित अन्य स्टाफ उपस्थित रहा।

पीएमएसएमए पर गर्भवती को मिलती हैं यह सुविधाएं

• समस्त गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच जैसे हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस, वजन, ब्लड प्रेशर, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांचे की जाती हैं।
• समस्त गर्भवती के गर्भ का द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में कम से कम एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा एलोपैथिक चिकित्सक की देख-रेख में निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
• टिटनेस का टीका,आयरन व कैल्शियम सहित अन्य आवश्यक दवाएं दी जाती हैं।
• हाई रिस्क प्रेगनेंसी की पहचान,प्रबंधन एवं सुरक्षित संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित किया जाता है।
• पोषण,परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के लिये काउंसलिंग भी की जाती है।

Exit mobile version