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बिधूना में कवियों ने देशभक्ति का भरा जोश

बिधूना में कवियों ने देशभक्ति का भरा जोश

औरैया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं बिधूना क्षेत्र का पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके श्री गजेन्द्र सिंह जी 21 वीं पुण्यतिथि पर गजेन्द्र सिंह पब्लिक इंटर कालेज परिसर में कवियों की महफिल सजी तो ओज, श्रंगार, हास्य रस में श्रोता सराबोर हो गए। काव्य संध्या में देर रात तक कवियों ने श्रोताओं की महफिल लूटी। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित और माल्यार्पण करके किया गया। शाम 8 बजे से शुरू हुई काव्य संध्या में जिले भर के श्रोताओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

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कवियों ने अपनी कविताओं से समा बांधा तो श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई। काव्य संध्या की शुरुआत भाजपा जिला प्रभारी आनन्द सिंह, राजेन्द्र बाबू मिश्रा, अछल्दा ब्लाक प्रमुख शरद राना ,कार्यक्रम संचालिका मंजू सिंह ने मां सरस्वती व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय गजेन्द्र सिंह की चित्र पर सयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर शुभाम्भ किया। वही कवि गजेन्द्र प्रियांशु ने मां सरस्वती वंदना प्रस्तुति । कवियत्री योगिता चौहान ने अब यह बैहक ही गए तुम्हारे कदम तो पलके बिछाने से क्या फायदा कविता पढ़ समा बांध दी।

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हास्य कवि शम्भू शिखर व सुनील व्यास ने अपनी हास्य व्यंग कविताओं से श्रोताओं को ठहाकों व तालियों से गूंजा। वही गीतकार कवि गजेन्द्र प्रियांशु, ओज के कवि राम भदावर, गीतकर कवि स्वयं श्रीवास्वत ने अपनी कविताओं लोगों गुदगदाया बुलन्दशहर के कवि अर्जन सिसौदिया ने ओज की कविता पढ़कर आज की राजनीति पर कविता पढ़ते कहाकि जिन सेनानियों देश की आजादी जंग लडी है। उन पर कविता पढ़ते कहा कहाकि पहले देश चिन्ता करते थें, अब तुम जेव चिंता करते हो,तुम लूट खजाना भारत का कोठी बंगलों में भरते हो, वो जननायक थें भारत के, यह जननायक थें भारत के, वो देश के लिए मरते थें। तुम जेब के मरते हो। कविता पढ़ समा बाध दी। कार्यक्रम का संचालन कवि शशिकांत यादव ने किया।

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