PM Narendra Modi laid the foundation stone for the new Parliament House

दिल्ली

पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का किया शिलान्यास

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December 10, 2020

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्रियों समेत विदेश के कई राजनायकों ने भी शिरकत की। पीएम मोदी ने संसद भवन का पूजन किया और आधारशिला भी रखी। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है यह दिन 130 करोड़ भारतीय के लिए गर्व का दिन है। पीएम ने कहा आज का दिन भारतीय इतिहास में मील के पत्थर की तरह है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है।भारतीयों द्वारा, भारतीयता के विचार से ओत-प्रोत, भारत के संसद भवन के निर्माण का शुभारंभ हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के सबसे अहम पड़ावों में से एक है। हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे। और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने। मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था। तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था।

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अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने आगे कहा पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी। आमतौर पर अन्य जगहों पर जब डेमोक्रेसी की चर्चा होती है चुनाव प्रक्रियाओं, शासन-प्रशासन की बात होती है। इस प्रकार की व्यवस्था पर अधिक बल देने को ही कुछ स्थानों पर डेमोक्रेसी कहा जाता है।

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लेकिन भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है। भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है। भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है। भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है। भारत के लोकतंत्र में समाई शक्ति ही देश के विकास को नई ऊर्जा दे रही है, देशवासियों को नया विश्वास दे रही है। भारत में लोकतंत्र नित्य नूतन हो रहा है।भारत में हम हर चुनाव के साथ वोटर टर्नआउट को बढ़ते हुए देख रहे हैं। Policies में अंतर हो सकता है, Politics में भिन्नता हो सकती है, लेकिन हम Public की सेवा के लिए हैं, इस अंतिम लक्ष्य में कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। वाद-संवाद संसद के भीतर हों या संसद के बाहर, राष्ट्रसेवा का संकल्प, राष्ट्रहित के प्रति समर्पण लगातार झलकना चाहिए।