भारतीय सेना को मिलेगी मजबूती
मनाली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल देश को समर्पित की। यह सुरंग लाहुल के लोगों सहित सेना को भी बल देगी। सेना की लेह लद्दाख में सीमा तक पहुंच आसान होगी। सासे से प्रधानमंत्री का काफिला सवा दस बजे अटल टनल रोहतांग के साउथ पोर्टल पर पहुंचा। पीएम मोदी ने यहां दस हजार फीट की ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह नौ बजे मनाली पहुंचे। पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर सासे हेलीपैड पर लैंड किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और हिमाचल सरकार के मंत्रियों व सांसदों ने पीएम मोदी का स्वागत किया। इस मौके पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे। इसके बाद वह अटल टनल रोहतांग के साउथ पोर्टल पर पहुंचे। पीएम मोदी आठ बजे के करीब चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंच गए। वहां से कुछ देर बाद प्रधानमंत्री मनाली के लिए रवाना हुए।
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1954 से ही चीन भारत के साथ युद्ध की तैयारी कर रहा था। उसने अपने नक्शों में भारतीय सीमा का काफी भाग अधिकार क्षेत्र में दिखाया था। भारत की सीमा तक चीन ने पक्की सड़कों का निर्माण कर लिया था। अत उसे सैन्य सामान तथा रसद पहुंचाने मे कोई कठिनाई नहीं हुई। भारत की सीमा पर उसके सैनिकों का जबर्दस्त जमाव था। युद्ध की दृष्टि से चीन की स्थिति सुदृढ़ थी। चीन पहाड़ी पर था, वह ऊंचाई से नीचे मौजूद भारतीय सेना पर प्रहार कर सकता था। भारत सरकार द्वारा 1962 में भारत और चीन युद्ध के दौरान मिली हार के कारणों को जानने की कोशिश की गई तो पता लगा कि हार का कारण चीनी सीमा पर भारतीय जवानों को रसद तथा समय पर सहायता हेतु और सैनिकों का न पहुंच पाना था ।