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देशभक्ति और एकता को मजबूत करने की ली शपथ

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आतंकवाद विरोधी दिवस पर औरैया इटावा में आयोजन

गुरुवार को पोरोनो संक्रमण के बीच बेहद सादगी के साथ आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया गया। आतंकवाद विरोधी दिवस पर युवाओं व समाज के विभिन्न वर्गों को आतंकवाद विरोधी शपथ दिलाई जाती है। इटावा व औरैया में पुलिस मुख्यालयों पर सादगी व सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पुलिस जनों ने आतंकवाद विरोधी शपथ ली। हर साल 21 मई को मनाए जाने वाले आतंकवाद विरोधी दिवस का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के रास्ते से दूर रखना तथा शांति और मानवता के संदेश को व्यापक रूप से फैलाना ,लोगों को जागृत करना, युवाओं में देशभक्ति की भावना भरना और आपसी एकता को बढ़ावा देना प्रमुख रूप से है।

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औरैया जिले में पुलिस अधीक्षक सुनीति ने जिला मुख्यालय ककोर स्थित कार्यालय में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को शपथ दिलाते हुए उन्हें आतंकवाद से लड़ने और सद्भाव से रहने की सीख दी। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नसीहत दी कि आप लोग जनता के हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें। एसपी ने कहा कि हम सभी को आतंकवाद जैसे अंधेरे से अनवरत लड़ना है, सभी को प्रकाश की ओर ले कर जाना है। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए जाने पर भी बल दिया। पुलिस अधीक्षक द्वारा दी गई शपथ के बाद सभी पुलिसकर्मियों ने निष्ठा पूर्वक कर्तव्य पालन करने की बात कही । इस दौरान समस्त क्षेत्राधिकारी, उपनिरीक्षक एवं अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
उधर इटावा में आतंकवाद विरोधी दिवस पर हिंसा के खिलाफ खड़े रहने का पुलिस अधिकारियों व जवानों ने संकल्प लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अकाश तोमर के निर्देशन में जनपद के समस्त कार्यालयों एवं थानों में कार्यरत समस्त पुलिसकर्मियों को सोशल डिस्टेंस को बनाए रखते हुए आतंकवाद विरोधी दिवस पर आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ डटे रहने एवं आपसी सदभाव बनाए रखने की शपथ दिलायी गयी. औरैया के दिबियापुर थाने में प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार शुक्ल ने पुलिसकर्मियों को शपथ दिलाई।

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राजीव गांधी की हत्या के बाद से मनाया जाता है यह दिवस

21 मई 1991 को तमिलनाडु में देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या किए जाने के बाद ही 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला हुआ था।राजीव गांधी की हत्या एक आत्मघाती महिला द्वारा उस समय की गई थी जब वे एक रैली को संबोधित करने के लिए तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर पहुंचे थे।

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