औरैया: जिले में थाना बेला पुलिस द्वारा फरवरी माह में 441 टीन कथित मिलावटी घी पकड़े जाने के मामले की जांच कर रहे कानपुर के एएसपी अपराध ने घी व्यापारी के विरूद्ध की गयी कार्रवाई को विधि सम्मत न मानते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष व एक उपनिरीक्षक को दोषी करार दिया है। जिस आधार पर पुलिस महानिरीक्षक कानपुर ने पुलिस अधीक्षक औरैया से दोनों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई किये जाने हेतु पत्र लिखा है।
आधिकारिक सूत्रों से शुक्रवार को मिली जानकारी के अनुसार जनपद के थाना बेला क्षेत्र में 08 फरवरी को तत्कालीन थानाध्यक्ष बृजेश भार्गव एवं उपनिरीक्षक प्रशांत ने एक स्कार्पियो गाड़ी पर 40 टीन घी सहित कस्बा बेला निवासी व्यापारी पुत्र गौरव व अवनीश मिश्रा को गिरफ्तार करने के साथ उनकी निशानदेही पर बेला स्थित राधा कृष्ण ट्रेडर्स गोदाम से 401 टीन घी बरामद कर उसे कथित तौर पर मिलावटी बता धारा 420 एवं 52 खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 व 207 एमबी एक्ट में अभियोग पंजीकृत कर जेल भेजा दिया था। जिसके बाद बेला निवासी व्यापारी रामजी लाल मिश्रा के शिकायती पत्र में अंकित आरोपों की जांच पुलिस महानिरीक्षक कानपुर द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक अपराध कानपुर नगर से कराई गई जिनके द्वारा 4 जून 2020 को अपनी जांच आख्या उनके कार्यालय में उपलब्ध कराई गई है।
अपर पुलिस अधीक्षक अपराध कानपुर नगर द्वारा प्रेषित आख्या का अवलोकन किया गया तो पाया गया कि उक्त पंजीकृत अभियोग विधि सम्मत नहीं था, क्योंकि खाद पदार्थों में मिलावट करने या संदेहजनक स्थिति होने पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम में उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए खाद सुरक्षा अधिकारी व विभागीय सक्षम अधिकारी अधिकृत हैं। साथ ही उक्त प्रकरण में मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करने पर धारा 207 एमबी एक्ट वाहन सीज किए जाने की कार्रवाई विधि सम्मत पाई गई।
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अतः गाड़ी व फार्म के अंदर बरामद संदेहजनक घी के संबंध में तत्कालीन थाना प्रभारी बेला बृजेश भार्गव व उप निरीक्षक प्रशांत कुमार द्वारा मौके पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी या विभागीय सक्षम अधिकारी जो कि अधिकृत हो उन्हीं के निर्देशन में ही विधि के अनुरूप कार्रवाई की जानी चाहिए थी जो उनके द्वारा नहीं की गई है जिसके लिए थाना प्रभारी बेला श्री बृजेश भार्गव एवं उप निरीक्षक प्रशांत कुमार स्पष्ट रूप से दोषी हैं।
जिसके बाद पुलिस महानिरीक्षक कानपुर परिक्षेत्र मोहित अग्रवाल ने जांच आख्या में अनुलग्नक मूल रूप संलग्न कर पुलिस अधीक्षक औरैया सुश्री सुनीति को प्रेषित करते हुए निर्देश दिया कि जांच आख्या में की गई संस्तुति के आधार पर तत्कालीन थाना प्रभारी बेला एवं उप निरीक्षक के विरोध नियम अनुसार विभागीय कार्रवाई कराकर परिणाम से यथाशीघ्र इस कार्यालय को अवगत कराना सुनिश्चित करें। साथ ही इनको अन्य सर्किल में स्थानांतरित करने पर भी विचार कर लें, रिपोर्ट 15 दिन में उपलब्ध कराएं।