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शिवमहापुराण के छंठवे दिन श्रीगणेश के जन्म की कथा का हुआ वर्णन

शिवमहापुराण के छंठवे दिन श्रीगणेश के जन्म की कथा का हुआ वर्णन

शिवमहापुराण के छंठवे दिन श्रीगणेश के जन्म की कथा का हुआ वर्णन

दिबियापुर । नगर के मुहाल संजय नगर की शिवमहापुराण आयोजन समिति के तत्वाधान में द्वादश ज्योर्तिलिंग समर्पित शिवमहापुराण के छंठवे दिन सोमवार को आचार्य रामसेवक तिवारी (ग्वालियर ) ने श्रीगणेश के जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि देवी पार्वती ने अपने उबटन से एक पुतला बनाया और उसमें प्राण डाल दिए। जिसके बाद उन्होंने उसे द्वारपाल बनाकर बैठा दिया।

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वह स्नान करने के लिए चली गईं। संयोग से इसी दौरान भगवान शिव वहां पहुंच गए। बालक गणेश ने उन्हें रोक दिया। समझाने के बाद भी नहीं मानने पर क्रोधित होकर शिवजी ने त्रिशूल से गणेश का सिर काट दिया। जिसके बाद पार्वती नाराज हो गई। जिस पर भगवान भोलेनाथ ने बालक के धड़ पर हाथी का मस्तक लगाकर उसे जीवनदान दे दिया। कथा सुनाकर भक्तों ने जयकारे लगाने शुरू कर दिए। कथा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक चल रही है। आयोजको ने भक्तो से कथा श्रवण करने की अपील की है । बताया की कथा विश्राम 8 अगस्त को व 9 अगस्त को रुद्राभिषेक एवं विशाल भंडारा आयोजित होगा।

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