- दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म को अंगीकार किया गया
इटावा। जैन धर्म के पर्युषण पर्व जिसे दशलक्षण महापर्व के नाम से जाना जाता है। शुक्रवार को दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन जैन धर्मालंबियों ने उत्तम आर्जव धर्म को अंगीकार किया गया। विश्व जैन संग़ठन के जिलाध्यक्ष आकाशदीप जैन ने बताया कि पर्युषण पर्व का तीसरा दिन उत्तम आर्जव धर्म के रूप में मनाया जाता है जिसमे मन, वचन और काय की सरलता आर्जव है, कुटिलता को दूर करना, सरलता का पालन करना ही उत्तम आर्जव है। आत्मा का स्वभाव सरलता है लेकिन मन की इच्छा, प्रतिस्पर्धा और प्रदर्शन की भावना मनुष्य को सरलता धारण नहीं करने देती है।
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शहर से दो किलोमीटर दूर श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र नशिया जी के महामंत्री धर्मेन्द्र कुमार जैन ने बताया अतिशय क्षेत्र नशिया जी पर पर्व के दौरान सुबह से पूजा पाठ करने के लिये पीत वस्त्रधारी पुजारियों का तांता लगा हुआ है। आर्जव धर्म की पूजा से पूर्व श्रीजी का अभिषेक कर अर्घ चढ़ाये गये रात्रि में श्रद्धालुओं द्रारा महाआरती कर भक्ति की गई। इस दौरान सह कोषाध्यक्ष नवनीत जैन बबुआ, सुभाष चंद जैन, अमित जैन, विनोद कुमार जैन वोनू, प्रदीप जैन, निखिल जैन आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।