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तीन मई को ईद और अक्षय तृतीया पर अधिकारी अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतें : योगी

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तीन मई को ईद और अक्षय तृतीया पर अधिकारी अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतें : योगी
तीन मई को ईद और अक्षय तृतीया पर अधिकारी अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतें : योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनााथ ने सभी मंडल एवं जिलों में तैनात अधिकारियों को राज्य में विभिन्न त्योहारों पर धार्मिक सौहार्द्र की मिसाल कायम करने का श्रेय स्थानीय प्रशासन को देते हुए आगामी तीन मई को ईद अैर अक्षय तृतीया पर्व एक साथ होने के मद्देनजर इस दिन सभी अधिकारियों से विशेष संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिये हैं।

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योगी ने बुधवार को मंडल, जनपद, तहसील और ब्लॉक स्तर पर तैनात अधिकारियों के साथ देर रात तक चली वर्चुअल बैठक में ये निर्देश देते हुए कहा कि विगत दिनों रामनवमी के पर्व पर जिस प्रकार शांति और सौहार्द्र का माहौल रहा, वह नए उत्तर प्रदेश की पहचान बन रहा है। उन्होंने कहा कि यद्यपि कुछ अराजक तत्वों एवं संगठनों ने हनुमत जयंती पर कुछ गड़बड़ी करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें यथोचित जवाब दे दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं विकास तथा जनकल्याण योजनाओं की समीक्षा के लिये आहूत इस बैठक में कहा कि आस्था का पूरा सम्मान है, इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। लेकिन इसका सार्वजनिक रूप से भौंडा प्रदर्शन कर दूसरों को परेशान किया जाए, यह स्वीकार्य नहीं है। योगी ने इस बाबत निर्देश दिया कि आगामी 03 मई को अक्षय तृतीया और ईद का पर्व एक साथ संभावित है। ऐसे में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की अतिरिक्त संवेदनशीलता अपेक्षित है। इस अवसर पर यथावश्यक साफ-सफाई कराई जाए।

योगी ने कहा कि आम जनता को शासन की नीतियों का समुचित लाभ दिलाने, प्रदेश के समग्र विकास और प्रदेश की छवि बदलने में फील्ड में तैनात अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा, “विगत 05 वर्षों में हमने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। हमें एक बीमारू प्रदेश मिला था, स्थिति बिगड़ी हुई थी, अराजकता थी, दंगों की संस्कृति थी। टीम यूपी ने लगातार प्रयास कर एक नई कार्यसंस्कृति को तैयार किया। हमने साबित किया कि उत्तर प्रदेश दंगामुक्त हो सकता है। साम्प्रदायिक सौहार्द का उदाहरण बन सकता है। यह बड़ी उपलब्धि है।”

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प्रदेश में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाये जाने के मसले पर योगी ने कहा कि लोकतंत्र में संवाद का बड़ा महत्व है। उन्होंन कहा, “संवाद के माध्यम से ही हमने अनावश्यक रूप से लगाये गए लाउडस्पीकर को हटाने में सफलता पाई है। लाउडस्पीकर की आवाज संबंधित परिसर के भीतर ही रहेगी, सौहार्द के साथ हमने यह करके उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसे में सभी धर्मगुरुओं एवं प्रबुद्ध जनों से संवाद बनाने का क्रम जारी रहे।”

उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर के प्रयोग के लिए जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उनका कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। अनावश्यक रूप से लगाये गए लाउडस्पीकर तत्काल उतार लिए जाएं। यह सुनिश्चित हो कि लाउडस्पीकर की आवाज़ उस परिसर से बाहर न आए। अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। नए स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न दें।

बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि ग्राम विकास अधिकारी और बीडीओ से लेकर तहसीलदार, एसडीएम, थानाध्यक्ष अथवा सीओ आदि, सभी अपनी तैनाती के क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें। शासकीय आवास है तो वहां रहें अथवा किराए का आवास लें, लेकिन रात्रि में अपने ही क्षेत्र में रहें। इस व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं।

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इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में माह के पहले और तीसरे शनिवार को तहसील दिवस का आयोजन करने का निर्देश देते हुए कहा कि दूसरे व चौथे शनिवार को थाना दिवस एवं ब्लॉक दिवस का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि थाना दिवस का आयोजन थाने पर तथा ब्लॉक दिवस का आयोजन ब्लॉक कार्यालय पर किया जाए। ब्लॉक दिवस पर समस्त संबंधित अधिकारी स्वयं उपस्थित रहकर विकास खंड से जुड़े प्रकरणों एवं समस्याओं का निस्तारण करेंगे।

योगी ने कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारी एवं कर्मचारी, जनसमस्याओं के निस्तारण को शीर्ष प्राथमिकता दें। आमजन के साथ संवेदनशील व्यवहार रखें। यह ध्यान रखें कि आपका आचरण आम आदमी के मन में शासन के प्रति विश्वास का आधार बनता है। जनता की संतुष्टि ही आपके प्रदर्शन की श्रेष्ठता का मानक होगा।

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार है। इसके मद्देनजर सोमवार से शुक्रवार तक जन हित से सीधे जुड़ाव रखने वाले कार्यालयों में हर दिन एक घंटे की अवधि जनसुनवाई के लिए नियत है। इस अवधि में अधिकारी जनता से मिलें और उनकी शिकायतें एवं समस्याएं सुनें और वरीयता एवं गंभीरता के आधार पर उनका निस्तारण करें।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आईजीआरएस एवं सीएम हेल्पलाइन जनता की समस्याओं के निदान का अच्छा माध्यम बन कर उभरा है। इसके प्रकरण लंबित न रहें। इनकी हर कार्यालय में सतत समीक्षा होनी चाहिए।

योगी ने कहा कि जिलाधिकारी एवं पुलिस कप्तान स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें। उनके सुझावों पर ध्यान दें। उनके पत्रों का त्वरित निस्तारण किया जाए। फोन रिसीव न कर सकें तो कॉल बैक करें। हर शासकीय अधिकारी को इसका अनुपालन करना होगा। साथ ही उन्होंन फील्ड में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों से तहसील एवं ब्लॉक स्तर पर देर रात में अचानक औचक निरीक्षण करते रहने का निर्देश दिया।

अपराध और अपराधियों के विरुद्ध शासन की नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गो तस्करी, अवैध वृक्ष कटान, भूमि पर अवैध कब्जा, अवैध शराब, ओवरलोडिंग और नियमविरुद्ध खनन पर सख्ती से रोक लगाई जाएं। उन्होंने इन मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों को कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिये। योगी ने कहा कि

हर जनपद में बड़े माफियाओं की सूची तैयार हो। हर माह थाने में ‘टॉप 10’ अपराधियों की लिस्ट तैयार कर इनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस एक्टिव रहकर सूची के अनुसार कार्यवाही करेगी तो यह सूची हर माह बदल जाएगी और एक समय बाद कोई टॉप 10 माफिया मिलेगा ही नहीं।

योगी ने कहा कि अगर पेशेवर माफिया और अपराधी किसी दूसरे क्षेत्र में सक्रिय हैं तो इसकी जानकारी मूल क्षेत्र के थाना पुलिस काे होनी चाहिए। अपराधियों के विरुद्ध अभियोजन को और मजबूत करने की जरूरत है। इस दिशा में ठोस प्रयास अपेक्षित है।

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उन्होंने प्रत्येक जनपद में माफिया एवं अपराधियों की सूची बनाकर उनकी अवैध सम्पत्ति को जब्त करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा कि पेशेवर अपराधियों के मुकदमों में प्रभावी अभियोजन करते हुए इन्हें सजा दिलायी जाए। चार्जशीट दाखिल करने में देरी होने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होनी चाहिए।

साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी एवं पुलिस कप्तान को जनपद न्यायाधीश से हर महीने में कम से कम एक बार जरूर भेंट करने के लिये कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी एवं पुलिस कप्तान जिला जज से पॉस्को और महिला अपराधों से जुड़े मुकदमों की स्थिति पर चर्चा करें। साथ ही मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिये जिला मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक नियमित रूप से आयोजित हो।

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