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वर्षों बाद भी दिखते हैं फाइलेरिया के लक्षण : सीएमओ

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वर्षों बाद भी दिखते हैं फाइलेरिया के लक्षण: सीएमओ

वर्षों बाद भी दिखते हैं फाइलेरिया के लक्षण: सीएमओ

  • स्वास्थ्य कर्मी के सामने खाएं फाइलेरिया की दवा
  • अब तक 11,88,105 लोग कर चुके हैं दवा का सेवन
  • 1 जून से 6 जून तक चलेगा माप अप राउंड

औरैया । फाइलेरिया के लक्षण कई बार 10 साल बाद दिखते हैं।इसलिए हो सकता है कि आप संक्रमित हों और आपको यह बात पता ही न हो। इसलिए फाइलेरिया की दवा 2 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को छोड़कर सभी को खानी है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव का। डॉ शिशिर पुरी, वीबीडी नोडल अधिकारी ने बताया कि जनपद में 12 मई से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चल रहा है। जो शुक्रवार यानि 27 मई तक चलेगा। इसके बाद 1 जून से 6 जून तक माप अप राउंड चलाया जाएगा। इस दौरान किसी कारणवश दवा खाने से वंचित रह गए और जिन लोगों ने दवा खाने से मना कर दिया है। उनको इस रोग के बारे में समझा कर दवा खिलाई जाएगी। अभियान के दौरान कई बार स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को यही जवाब मिलता है कि मैं क्यों दवा खाऊँ, मुझे तो कुछ हुआ ही नहीं है।

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लेकिन यदि आप लगातार पांच वर्षों तक साल में एक बार दवा खा लेंगे तो यह बीमारी आपसे कोसो दूर हो जाएगी। ऐसे ही सभी लोगों के लगातार से सेवन से यह बीमारी हमारे समाज से समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया अभियान की खासियत यह कि दवा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामने ही खानी है। यदि दवा खाने के बाद कुछ असामान्य सा लगता है तो यह इस बात की गवाही है कि फाइलेरिया के परजीवी आपके शरीर में मौजूद हैं। दवा का असर शुरू होते ही असामान्य सा लगना एक सामान्य सी बात है। सिर्फ आशा को सूचित करना है। दवा खाने के पहले अल्पाहार और पानी जरूर पी लें। अपनी दिनचर्या में अधिक पानी एवं मौसमी फल (अधिक पानी की मात्रा वाले) का सेवन करते रहे | उन्होंने बताया की जिन लोगों के शरीर में फाइलेरिया के परिजीवी जितने ज्यादा होंगे प्रतिकूल प्रभाव भी उतना ही ज्यादा दिखेगा। प्रतिकूल प्रभाव जैसे पेट दर्द, लाल चक्कते के साथ शरीर में खुजली, चक्कर आना, कमजोरी लगना, हल्का बुखार, जी मचलाना या उल्टी होना।

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जिला मलेरिया अधिकारी लाल साहब सिंह ने बताया कि एमडीए प्रोग्राम के तहत जनपद में 16.12 लाख लोगों को दवा खिलाये जाने का लक्ष्य (2022) का निर्धारित किया गया है। जिसमे से मंगलवार तक 1188105 लोगों को दवा खिला दी गई हैं | यदि दवा सेवन के बाद कोई दिक्कत होती है तो आप झोला छाप डॉक्टर से कतई परामर्श न लें। तत्काल आशा या एम्बुलेंस सेवा 108 की मदद लें। निकटतम सरकारी स्वास्थ्य इकाई पर जाएं। उन्होंने बताया कि यदि आशा या एम्बुलेंस सेवा मिलने में कुछ समय लग रहा है तो घर पर ही कुछ प्राथमिक उपचार संभव है। जैसे पेट दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होने की दशा में प्राथमिक उपचार के रूप में नीबू, चीनी, नमक और पानी यानि ओआरएस घोल दे सकते हैं। वहीं शरीर में खुजली होने पर साफ़ सूती कपड़े को पानी से भिगोकर शरीर को पोछ लें। बुखार आने की दशा में शरीर के वजन के हिसाब से पैरासिटामोल खा सकते हैं।

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फाइलेरिया के लक्षण :

सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।

फाइलेरिया से बचाव :

मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें
घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे
आसपास पानी न जमा होने दे
गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दे
चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे
पूरी बाजू का कपड़ा पहने

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