हमीरपुर । केंद्र सरकार क्षय रोग(टीबी) को वर्ष 2025 तक पूरी तरह खत्म करने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगाये हुये है मगर उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले में गरीबी व युवाओं में बढ़ रही नशे की लत से क्षय रोगी(टीबी) के मरीज घटने के बजाये लगातार बढ़ते जा रहे है जो शासन के लिये चिंता का विषय बना हुआ है। हमीरपुर जिले में तीन ब्लाक कुरारा,सुमेरपुरमौदहा व हमीरपुर शहर में मरीजों की स्थिति ज्यादा खराब हो रही है। जिला क्षय रोग अधिकारी(डीटीओ) बीपी सिंह ने रविवार को बताया कि क्षय रोगियों के बेहतरीन उपचार के लिये शासन ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम(एनटीईपी) संचालित कर रही है।
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जिसमे घर घर जाकर बलगम की का सैंपल लेना डाट कार्यक्रम के तहत मरीजों को घर में ही आशा बहू द्वारा निश्चित समय पर दवा खिलाना आदि सुविधायें दी जा रही है। पिछले वर्ष 149 क्षय रोगी चिंहित किये गये थे इस साल रोगियों की संख्या अभी तक बढकर 229हो गयी है। जनवरी से दिसम्बर तक का रोगियों का डाटा शासन को भेजा जाता है। जांच में कुरारा,सुमेरपुर,मौदहा व हमीरपुर शहर में अन्य ब्लाकों की अपेक्षा ज्यादा क्षय रोगी मिल रहे है। घनी आबादी व कुपोषित जीवन भी इस रोग को बढ़ाती है। यह रोग संक्रामक रोग है परिवार में एक सदस्य को रोग होने से दूसरा भी चपेट में आ जाता है।
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शासन इसके लिये न केवल साल भर अभियान चलाती है बल्कि हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र( सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(पीएचसी) में एक डाक्टर को दिल्ली से प्रशिक्षण देकर टीवी के मरीजों को उपचार करने के लिये कहा गया है। हरेकअस्पताल में एलटी की नियुक्ति की गयी है। ताकि लोगो को जांच के लिये मुख्यालय न आना पड़े। चिकित्सकों का मानना है कि जिले में युवाओं में नशे बढ रही लत व खान पान पोष्टिक न होने के कारण लोग टीवी के शिकार हो रहे हैं।। क्षयरोगग संक्रामक रोग है कई लोग गैर प्रांत जाकर कारखाना व ईटभट्ठों में काम करते है वहां से क्षय रोगी हो जाते है।