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अब टिड्डी दल के संभावित हमले से निपटना चुनौती

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Now the challenge to deal with the potential attack of the locust
PHOTO BY – TEJAS KHABAR
  • राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं झांसी जनपद के कुछ क्षेत्रों में टिड्डी का प्रकोप सामने आया
  • औरैया में अलर्ट , कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

औरैया। कोरोना महामारी के बीच एक और परेशानी बढ़ाने वाली खबर दस्तक दे रही है। राजस्थान मध्य प्रदेश एवं झांसी जनपद के कुछ क्षेत्रों में टिड्डी के प्रकोप के चलते समीपवर्ती जनपदों में भी टिड्डी के प्रकोप की संभावना बढ़ गई है। औरैया जिला प्रशासन टिड्डी दल के संभावित खतरे को लेकर अलर्ट मोड में आ गया है। कृषि विभाग ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी की है । वहीं प्रशासन ने गांवों में जागरूकता के साथ-साथ ऐतिहातन जरूरी कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है।

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औरैया में जिला प्रशासन की ओर से जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि टिड्डी दल के किसी आक्रमण की सूचना प्राप्त होने पर जनपद के ग्राम विकास अधिकारी, रोजगार सेवक एवं कृषि विभाग के तकनीकी सहायक जिला प्रशासन अथवा जिला कृषि रक्षा अधिकारी के दूरभाष 827289 3015 तथा कृषि रक्षा के वरिष्ठ प्राविधिक सहायक के दूरभाष 97602013 53 पर सूचना देंगे। न्याय पंचायत स्तर ,विकासखंड स्तर एवं तहसील स्तर पर पूर्व में बने राजस्व विभाग, कृषि विभाग व ग्रामीण विकास विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप का उपयोग इसके लिए किया जाए।
कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक एवं सहायक विकास अधिकारी कृषि व कृषि रक्षा द्वारा टिड्डी दल के आक्रमण की सूचना के संबंध में गांव स्तर पर जागरूकता बैठक आयोजित कराएंगे। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने निर्देशों में कहा कि टिड्डी दल के आक्रमण की स्थिति में दवाओं के छिड़काव के लिए नगर पालिका, नगर पंचायत, अग्निशमन विभाग से भी सहायता ली जा सकेगी। जिनके द्वारा पानी से भरे टैंकर तैयार रखे जाएंगे आवश्यकता पड़ने पर जिन्हें केंद्रीय दलों को उपलब्ध कराया जा सकेगा। इसके साथ-साथ किसानों के पास उपलब्ध ट्रैक्टर चालित माउंटेड पावर स्प्रेयर का भी उपयोग भी दवाओं के छिड़काव के लिए किया जाए तथा जिला कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा संबंधित दवाओं का स्टाक कर लिया जाए।जिलाधिकारी ने कहा कि जिला उद्यान अधिकारी साग सब्जी वाले किसानों को विशेष रूप से सावधान कर दें तथा डीपीआरओ प्रधानों को सूचित करते हुए सतर्क एवं सचेत रहने के निर्देश दे दें और एडवाइजरी के अनुसार कार्यवाही कराएं।

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कृषि विभाग की यह है एडवाइजरी
टिड्डी के प्रकोप की दशा में एक साथ मिलकर टीन के डिब्बों, थालियों, ढोल नगाड़े, लाउडस्पीकर आदि के माध्यम से बजाते हुए शोर मचाएं। शोर से टिड्डी दल आसपास के खेतों में आक्रमण नहीं कर पाएंगे।
बलुई मिट्टी टिड्डी के प्रजनन एवं अंडे देने हेतु सर्वाधिक अनुकूल होती है। अतः टिड्डी दल के आक्रमण से संभावित ऐसी मिट्टी वाले क्षेत्रों में जुताई करवा दें एवं जल का भराव करा दे, ऐसी दशा में टिड्डी के विकास की संभावना कम हो जाती है।

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टिड्डी दल के न्यूनतम व मध्यम प्रकोप की दशा में तथा इसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए किसान भाई एक साथ मिलकर क्लोरपाइरीफॉस 20% ईसीपी एक लीटर मात्रा अथवा लैमडासाईहैलोथरिन 5% ईसी की एक लीटर मात्रा को 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से तीव्र छिड़काव करें।टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु रसायन मेलाथियान 96% यूएलवी का छिड़काव अत्यंत प्रभावी होता है। लेकिन इस रसायन की जनसामान्य को उपलब्धता न होने के कारण किसान के स्तर से इसका छिड़काव नहीं किया जा सकता है इसलिए टिड्डी दल के आक्रमण की दशा में लोकस्ट कंट्रोल आर्गेनाईजेशन फरीदाबाद को एवं क्षेत्रीय केंद्र एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ को सूचित करें ताकि प्रशिक्षित व्यक्तियों एवं समुचित यंत्रों के माध्यम से प्रभावशाली नियंत्रण कराया जा सके।

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