अब फिल्मों में रेप या दुष्कर्म के प्रयास के सीन पर चलेगी 'धर्म सेंसर बोर्ड' की कैंची

उत्तर प्रदेश

अब फिल्मों में रेप या दुष्कर्म के प्रयास के सीन पर चलेगी ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ की कैंची

By Tejas Khabar

January 20, 2023

फिल्म निर्माता-निर्देशक सनातन धर्म और संस्कृति के साथ ओटीटी के माध्यम से नहीं कर पाएंगे छेड़छाड़

प्रयागराज। ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (ब्रह्मलीन) के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने धर्म सेंसर बोर्ड की बैठक में कहा कि अब फिल्म निर्माता-निर्देशक सनातन धर्म और संस्कृति के साथ ऑनलाइन प्लेटफार्म (ओटीटी) के माध्यम से छेड़छाड़ नहीं कर पाएंगे।

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने माघ मेले में संवादाताओं से कहा कि धर्म सेंसर बोर्ड हिंदू देवी-देवताओं के अपमान वाली फिल्मों का निर्माण नहीं होने देगा। ऐसी फिल्मों के अलावा डाक्यूमेंट्री, वेब सिरीज एवं मनोरंजन के अन्य दृश्य पर धर्म सेंसर बोर्ड के माध्यम से अंकुश लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्म सेंसर बोर्ड का काम केवल फिल्म, चलचित्र, धारावाहिकों तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालयों में होने वाले नाट्य मंचन अब ध्यान से और धर्म की मर्यादा को विचार कर सम्पादित करने होंगे। ऐसी कोई भी चीज जो भारतीय संस्कृति और भारतीय धर्म परम्परा को खंडित करने का कार्य करेगी उस पर कार्रवाई की जाएगी।

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बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि चलचित्र में महिला एवं पुरुष कलाकारों के फिल्माए दृश्य भारतीय मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अश्लीलता को बढ़ावा देने वाले नही हों तथा शिष्ट संवादों वाले हों। दो अर्थों वाले शब्द न रखे जाएं जिनसे नीच प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिलता हो। महिलाओं के साथ लैंगिक हिंसा जैसे बलात्कार की कोशिश, बलात्कार अथवा किसी अन्य प्रकार का उत्पीड़न या इसी किस्म के दृश्यों से बचा जाना चाहिए । फिल्म अथवा चलचित्र माध्यम ऐसा सन्तुलित, स्वच्छ और स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करें जो किसी धर्म या सांस्कृतिक परम्परा का उपहास तथा विकृत रूप में प्रदर्शित करने वाला न हो और यथासम्भव फिल्म सौन्दर्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण और चलचित्र की दृष्टि से अच्छे स्तर की हो। धर्म, संस्कृति विरोधी प्रवृत्तियों, क्रियाओं, विकृतियों को न्यायोचित या उत्कृष्ट न ठहराया जाए।

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वह केन्द्रीय सेंसर बोर्ड के विरोध में नहीं है, अपितु उसके सहायक के रूप में काम करेंगे। सेंसर बोर्ड हिंदू देवी-देवताओं के अपमान या सनातन संस्कृति पर कुठाराघात करने वाले किसी भी प्रकार के फिल्मों या वीडियो आदि के प्रसारण को रोकने के लिए मार्गदर्शक का काम करेगा। सस्ती लोकप्रियता के लिए सनातन संस्कृति को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत करने वाली फिल्मों का निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बोर्ड के सदस्य पहले फिल्म देखेंगे। यदि उन्हें यह फिल्म वाजिब लगेगी तब उस फिल्म को जारी करने के लिए धर्म सेंसर बोर्ड की तरफ से प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिल्म अथवा चलचित्र धर्म, संस्कृति एवं समाज के मूल्यों और मानकों के प्रति उत्तरदायी और संवेदनशील होनी चाहिए। धर्म, संस्कृति, राष्ट्रीय मान