- 16 बागी विधायकों ने गुरुग्राम में डेरा डाला
- कांग्रेस सरकार ने भी तीन निर्दलीय विधायकों पर कराई एफआईआर, दो अन्य विधायक गिरफ्तार
जयपुर: क्या मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में भी भाजपा का ऑपरेशन लोटस सफल होने जा रहा है ? परिणाम कुछ भी हो लेकिन हालातों पर गौर करें तो गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे है ।कांग्रेस की राजस्थान सरकार राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर शुरू हुई सियासत ने अब उथलपुथल बढ़ा दी है।
खरीद-फरोख्त में शामिल होने के आरोप में शनिवार को तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ केस और दो अन्य की गिरफ्तारी के बाद दिनभर कांग्रेस-भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। रात होते-होते कांग्रेस के 16 विधायक मानेसर के होटल और पांच के दिल्ली पहुंच जाने से गहलोत सरकार संकट में आती दिख रही है। इनमें कुछ निर्दलीयों के भी शामिल होने की सूचना है।
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीती रात में अचानक मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई। इसके बाद तीन विधायकों को सहयोगियों की सूची से बाहर कर दिया गया। उधर, दिन में गहलोत ने आरोप लगाया था कि हमारी सरकार गिराने की कोशिश की जा रही। कांग्रेस विधायकों को 25-25 करोड़ का लालच दिया गया है। जयपुर में चल रही राजनीतिक गतिविधियों के बीच उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी शनिवार को ही दिल्ली पहुंच गए। वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। उदयपुर व ब्यावर से शुक्रवार देर रात विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में दो लोगों को पकड़ने के बाद शनिवार को जयपुर लाया गया।
यहां एसओजी के अधिकारियों ने इनकी आवाज के सैंपल लेने के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उनसे पूछताछ की गई। बताया जाता है कि एसओजी ने गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों के फोन पिछले दो सप्ताह से सर्विलांस पर रखे थे। इनकी रिकॉíडंग में सामने आया कि ये किसी से कह रहे हैं कि गहलोत और पायलट में झगड़ा है। 30 जून के बाद हालात बदलेंगे। ऐसे में विधायकों की खरीद-फरोख्त पर अच्छी कमाई हो सकती है। दो हजार करोड़ रुपये तक की कमाई हो सकती है। ये बातचीत विधायक रमिला खडि़या व महेंद्र मालवीय से होने की बात कही जा रही है। इसके बाद सियासी हलचल बढ़ गई।
उधर, विधायक रमीला खडि़या ने कहा कि मुझसे किसी भाजपा नेता ने संपर्क नहीं किया। यह सब गलत है। हम जन्मजात कांग्रेसी हैं। इस मामले में एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक राठौड़ ने कहा कि अवैध हथियार व तस्करी से जुड़े लोगों पर निगरानी रखते हुए दो मोबाइल नंबर सर्विलांस पर रखे गए तो गहलोत सरकार को अस्थिर करने व विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात सामने आई।
मंत्रिमंडल की बैठक से पूर्व यह कयास लगाए जाते रहे कि सीएम गहलोत मंत्रियों के इस्तीफे ले सकते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मंत्रिमंडल की बैठक में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मौजूद नहीं थे। बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि हम भाजपा को तोड़फोड़ में कामयाब नहीं होने देंगे। मंत्रिमंडल में फेरबदल का अधिकार मुख्यमंत्री को है। मंत्रिमंडल की बैठक से पूर्व गहलोत ने जयपुर में मौजूद तीन निर्दलीय विधायकों एवं बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक राजेंद्र गुढा व जोगेंद्र अवाना से चर्चा की। उधर, कांग्रेस विधायक दल ने उन तीन निर्दलीय विधायकों को पार्टी की समर्थन सूची से बाहर कर दिया है, जिनके खिलाफ एसीबी ने मामला दर्ज किया है। इनमें ओमप्रकाश हुडला, सुरेश टांक व खुशबीर सिंह जोजावर शामिल हैं।
राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने तीन निर्दलीय विधायकों ओमप्रकाश हुड़ला, खुशबीर सह जोजावर एवं सुरेश टांक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन तीनों विधायकों पर आदिवासी इलाकों के कांग्रेस विधायकों से संपर्क करने का आरोप है। एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि एसीबी ने स्वत: जांच के बाद मामला दर्ज किया है।