Home देश मनमोहन सरकार के काम करने के तौर-तरीके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही बड़ी बात

मनमोहन सरकार के काम करने के तौर-तरीके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही बड़ी बात

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मनमोहन सरकार के काम करने के तौर-तरीके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही बड़ी बात
मनमोहन सरकार के काम करने के तौर-तरीके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही बड़ी बात

नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रिपीट ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार और डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकारों के बीच तुलना को मुश्किल काम बताते हुए शुक्रवार को कहा कि दोनों के काम करने के तौर तरीके में जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने एयर इंडिया के निजीकरण को सबके हित में बताया।

प्रधानमंत्री मोदी की सरकार रिजल्ट ओरियेन्टेड सरकार

मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक निजी समाचार चैनल द्वारा राजनीति, शासन और संस्कृति क्षेत्र के लोगों के साथ खुली चर्चा के एक विशेष आयोजन के एक सत्र में आमंत्रित थे। उन्होंने विभिन्न विषयों पर चर्चा के दौरान मोदी और मनमोहन सरकार के बीच तुलना के सवाल पर कहा कि दोनों के बीच तुलना करना मुश्किल है। दोनों के काम के तौर-तरीके में जमीन-आसमान का फर्क है। उन्होंने कहा,“ प्रधानमंत्री मोदी की सरकार रिजल्ट ओरियेन्टेड (काम का ठोस नतीजा चाहने वाली) सरकार है। इस सरकार में निर्णय तेजी से होते हैं। मेरा चार माह का अनुभव है कि यह सरकार प्रोडक्टिविटी (उत्पादकता) चाहती है। इसके लिए पूरा सिस्टम काम करता है। गौरतलब है कि श्री सिंधिया श्री सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में भी मंत्री थे।

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उन्होंने कहा कि वह राजनीति में आने से पहले बैंक अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने परिणाम और उत्पादकता उन्मुख वर्तमान सरकार में काम करने के अवसर को अपना सौभाग्य बताया।

कुछ ही साल में विमानन क्षेत्र रेलवे को पीछे कर देगा

सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपए में टाटा समूह को सौंपने के निर्णय को उन्होंने सबके लिए लाभदायक निर्णय बताया और कहा कि नागर विमानन क्षेत्र में इस एयरलाइन की अब एक नयी भूमिका तय होगी।
उन्होंने कहा कि देश में इस समय हर साल 14 करोड़ लोग विमान यात्रा कर रहे हैं। इसमें साल दर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। इसके विपरीत रेलवे के प्रथम और द्वितीय श्रेणी में यात्रियों की संख्या वार्षिक 18 करोड़ है। इसमें सालाना पांच प्रतिशत की वृद्धि है। इस तरह कुछ ही साल में विमानन क्षेत्र इस मामले में रेलवे को पीछे कर देगा।

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