भारत ने शुरू की सभी रक्षा तैयारी , सीमा पर भारी तनाव
नई दिल्ली: चीन ने अपनी आदतों के अनरूप ही फिर वादाखिलाफी शुरू कर दी है । भारत और चीन के बीच के हुए विवाद के बाद पूर्वी लद्दाख में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसका कारण चीनी सैनिकों का वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे नहीं हटना है। चीन का यह रवैया दोनों देशों के बीच हुई वार्ता के दौरान बनी आम सहमति के अनुरूप नही है। सैनिकों को पर्याप्त राशन और अन्य सामानों की आपूर्ति के लिए बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिकल अभ्यास शुरू कर दिया गया है, क्योंकि टकराव के क्षेत्र में अभी भी अस्थिरता का माहौल बना हुआ है।
यह भी देखें…इटावा में 17 और कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले
बीते 14 जुलाई को कोर कमांडर स्तर की बैठक के दौरान एक रोडमैप तैयार किया गया था, जिसके अनुसार चीन को अपने सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाना था, हालांकि वह उस रोडमैप का पालन नहीं कर रहा है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवान पीछे नहीं हट रहे हैं।
भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने कहा कि चीनी सैनिक थोड़ा पीछे हटे थे और फिर वापस आ गए। इसलिए भारतीय और चीनी सैन्य प्रतिनिधियों के बीच बैठकों के दौरान तय हुई आम सहमति के निरंतर सत्यापन की आवश्यकता है।
यह भी देखें… अधिवक्ताओं ने निलंबित दरोगा की कचहरी परिसर में जमकर की धुनाई, वीडियो वायरल
यह देखा गया कि भारतीय और चीनी सैनिकों ने पेंगोंग झील में 2 किलोमीटर तक अपने सैनिकों को पीछे हटाया है और फिंगर 4 रिक्त है। हालांकि, चीनी अभी भी रिज लाइन पर डेरा डाले हुए हैं। इससे यह स्पष्ट है कि चीनी फिंगर 4 पर डेरा डाले हुए हैं, जो परंपरागत रूप से भारतीय नियंत्रण में है।
चीनी सैनिक फिंगर 8 से फिंगर 4 तक भारतीय क्षेत्र में आठ किलोमीटर तक अंदर आ गए थे। वहीं भारत का कहना है कि एलएसी फिंगर 8 से चलता है। गौरतलब है माउंटेन स्पर्स को फिंगर के रूप में संदर्भित किया जाता है।
यह भी देखें… औरैया में 12 कोरोना पॉजिटिव और मिले,11 ठीक हुए
पैट्रोलिंग पॉइंट 14 कहे जाने वाले गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच की दूरी तीन किलोमीटर है, जबकि पैट्रोलिंग पॉइंट 15 पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच की दूरी करीब 8 किलोमीटर है।
हालांकि पैट्रोलिंग प्वाइंट 17 यानी हॉट स्प्रिंग्स में दोनों तरफ की 40-50 सैन्य टुकड़ियां सिर्फ 600-800 मीटर की दूरी पर हैं। चीनी सेना आम सहमति के अनुसार पीछे हट गई थी, लेकिन फिर से लौट आई।
चीनी रवैये को देखते हुए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक दिन पूर्व कहा था कि भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं और फॉरवार्ड लॉकेशन पर तैनाती की समीक्षा करते हुए बल को चीन के साथ सीमा पर किसी भी तरह की घटना को संभालने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।